ललितपुर के 04 गुमनाम,साहित्यकारों को मिला नाम , 21 सरकारी सेवा में रहे अधिकारियों, कर्मचारियों कों किया गया सम्मानित
ललितपुर। ललितपुर के 04 गुमनाम, साहित्यकारों को मिला नाम बुन्देलखण्ड की धरा अत्यन्त उर्वर है। यहां अनेक ऋषियों, ऋषिकाओं, कवियों एवं लेखकों ने अपनी लेखनी से साहित्य जगत में अपनी अलग पहचान बनायी है किन्तु विगत कुछ समय से यहां के साहित्यकारों को समुचित मंच न मिलने से उनकी कृतियां प्रकाश में नहीं आ पा रही थीं। बुन्देलखण्ड साहित्य उन्नयन समिति के तत्वावधान में ऐसे 32 गुमनाम लेखकों को आज साहित्याकाश के मंच पर नाम मिल रहा है जो अत्यन्त हर्ष का विषय है।
ये उद्गार आज बुन्देलखण्ड से जुड़े 32 लेखकों, कवियों और साहित्यकारों को उनकी कृति भेंट कार्यक्रम में मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवेश एवं क्षेत्र की विरासत उसकी लोक भाषा एवं लोक साहित्य में निहित होती हैं। इनका सम्बर्द्वन एवं संरक्षण अत्यन्त आवश्यक है। आज का यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
हिन्दी साहित्य जगत में विरलतम घटना
ललितपुर के 04 गुमनाम, साहित्यकारों को मिला नाम, समिति के अध्यक्ष डा. पुनीत बिसारिया ने कहा कि बुन्देलखण्ड में जो 32 साहित्यकारों की कृतियॉ आज उन्हें अर्पित की जा रही है वह हिन्दी साहित्य जगत में विरलतम घटना है। मण्डलायुक्त की प्रेरणा से गठित इस समिति द्वारा आगे भी बुन्देलखण्ड के साहित्यकारों की कृतियों को प्रकाश में लाने का कार्य किया जायेगा तथा यहॉ की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के हर संभव प्रयास किये जायेगें। डा. नीति शास्त्री ने इस आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड के विस्मृत लेखकों को प्रकाश में लाने का यह प्रयास सराहनीय है जिसके लिये मण्डलायुक्त की प्रेरणा अनुपम है। समारोह को अपर आयुक्त, सर्वेश कुमार, संयुक्त विकास आयुक्त, मिथलेश सचान ने भी सम्बोधित किया।
साहित्यकारों को पुस्तक प्रकाशन में प्राथमिकता दी गयी
मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय के प्रयासों से इन 32 लेखकों की प्रकाशित कृतियां मण्डलायुक्त द्वारा आयुक्त सभागार में आयोजित एक सादगीपूर्ण समारोह में हस्तगत की गयी। इस अवसर पर अनामिका प्रकाशन, प्रयागराज से इसके निदेशक विनोद शुक्ल एवं यश पब्लिकेशन्स नई दिल्ली से निदेशक राहुल भारद्वाज की विशेष उपस्थिति रही। मण्डलायुक्त की प्रेरणा से गठित बुन्देलखण्ड साहित्य उन्नयन समिति द्वारा इस निमित्त पुस्तकों की पाण्डुलिपियों को संकलित किया गया था तथा झांसी मण्डल के तीनों जिलों के साथ ही साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व देश के कई अन्य राज्यों जिलों से भी गुमनाम साहित्यकारों को पुस्तक प्रकाशन में प्राथमिकता दी गयी। ऐसे प्रयास किये गये कि बुन्देली भाषा में सृजित एवं बुन्देलखण्ड से सरोकार रखने वाले साहित्य को प्रकाशित रूप में संरक्षित किया जा सके।
5 कृतियां महिला सहित्याकारों को मिला नाम
प्रकाशित कृतियों में से 05 कृतियॉ महिला साहित्यकारों मोनिका दुबे, सुमन मिश्रा, अनीता श्रीवास्तव, गीतिका वेदिका, डा. प्रियंवदा त्रिपाठी मिश्रा तथा सरकारी सेवाकाल में अपनी साहित्यिक प्रतिभा का सही प्रदर्शन न कर पाने वाले 21 साहित्यकारों ओम शंकर खरे ‘असर‘ सिपाही ओम प्रकाश बमहरि, डा. सुरेश कुमार दुबे, विजय शंकर करौलिया, डा. प्रमोद कुमार अग्रवाल, बाबू लाल द्विवेदी, राज कुमार अंजुम, पन्ना लाल ‘असर‘, निहाल चन्द्र शिवहरे, भगवत प्रसाद पटेल, अख्तर जलील, पंकज चतुर्वेदी, डा. नवेन्द्र कुमार सिंह, डा. मुहम्मद नईम, डा. प्रदीप तिवारी, डा. राम शंकर भारती, वैभव दुबे, देवेन्द्र भारद्वाज, डा. हीरालाल सिद्वान्त शास्त्री, राम सेवक पाठक ‘हरि किंकर‘ एवं डा.. हरि मोहन गुप्त की कृतियॉ समाहित हैं।
सभी आयुवर्ग के लेखकों को समाहित किया गया
इनके साथ साथ धनाभाव में अपनी कृतियों का प्रकाशन कराने में असमर्थ रहे राजीव नामदेव राना लिधौरी, अभिषेक बबेले, समीक्षा गौतम, कुशराज, ज्योति प्रकाश खरे एवं आरिफ शहडोली के नाम शामिल है। इन साहित्यकारों में सभी आयुवर्ग के लेखकों को समाहित किया गया है तथा 21 वर्षीय सबसे कम आयुवर्ग के साहित्यकार अभिषेक बबेले एवं 94 वर्षीय वरिष्ठतम साहित्यकार ओम शंकर खरे ‘असर‘ के नाम उल्लेखनीय है, जिन्हें उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण की उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है। परियोजना प्रबन्धक सिफ्सा आनन्द चौबे ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला एवं कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा समिति के सचिव राज कुमार अंजुम ने सभीके प्रति आभार जताया। इस अवसर पर डा. अनिरूद्व रावत, डा. सुरेश कुमार दुबे, रंजना सिंह बुन्देला, डा. रमा आर्य आदि की विशेष उपस्थिति रही।
आज के आयोजन की क्या हैं खासियत?
- 21 वर्षीय सबसे कम आयु वर्ग के बुन्देली साहित्यकार अभिषेक बबेले (मोंठ, जनपद झॉसी )की कृति ‘वीरगति बुन्देली काव्य संग्रह’ का प्रकाशन।
- 94 वर्षीय वरिष्ठतम साहित्य भूषण ओम शंकर खरे ‘असर‘ झॉसी की कृति आबशार गजल संग्रह प्रकाशित।
3- 21 सरकारी सेवकों की कृतियों का प्रकाशन, जिन्होंने सेवा में रहते हुये अपनी मेधा का सही सदुपयोग न कर पाये, उनकी कृतियों का भी प्रकाशन। - 4- 05 महिला साहित्यकारों की कृतियों का प्रकाशन।
साहित्यकारों को भेंट की गयी पुस्तकें
1- आबशार गजल संग्रह (साहित्य भूषण, ओम शंकर खरे ‘असर‘) झांसी।
2- नारी चेतना काव्य संग्रह (डा. हरि मोहन गुप्त), उरई, जिला जालौन।
3- बुन्देली सौरभ काव्य संग्रह (राम सेवक पाठक हरिकिंकर), तालबेहट ललितपुर।
4- बुन्देली गीत गोविन्द, बुन्देली पद्यानुवाद (बाबूलाल द्विवेदी), छिल्ला, ललितपुर।
5- बुन्देलखण्ड का पर्यटन ज्योति प्रकाश खरे, ग्वालियर।
6- झांसी रानी सी झलकारी लोक भूषण पन्ना लाल ‘असर ,बीएचईएल, झांसी।
7- वीरगति बुन्देली काव्य संग्रह अभिषेक बबेले, मोंठ झांसी।
8- भीष्म साहनी और उनका समय, आलोचना ग्रन्थ डा. मु. नईम, कोंच तथा डा. नवेन्द कुमार सिंह झांसी।
9- मुल्क मंजरी काव्य संग्रह भगवत प्रसाद पटेल, उरई, जालौन।
10- काव्य कनक मोनिका पाण्डेय ‘मनु‘ चिरगांव, झांसी।
11- मुहब्बत के दस्तखत, गजल संग्रह अख्तर जलील ‘अख्तर‘ उरई जालौन।
12- धरती को बचाओ, पर्यावरण संरक्षण पर आधारित पंकज चतुर्वेदी, महोबा।
13- भारतीय चिन्तन की दिशायें, आलोचना ग्रन्थ डा. प्रमोद कुमार अग्रवाल ,बरूआसागर, झांसी।
14- बुन्देलखण्ड में पर्यटन डा. प्रदीप तिवारी, झांसी।
15- मैं और मेरी कहानी, संस्मरण राजकुमार अंजुम, झांसी।
16‘ मेरी 51 लघु कथायें निहाल चन्द्र शिवहरे झांसी।
17- पदचिन्ह् काव्य संग्रह वैभव दुबे, बबीना, झांसी।
18- केशव काव्य संग्रह गीतिका वेदिका, इन्दौर।
19- उतरता चांद धरती पर, काव्य संग्रह सुमन मिश्रा, झांसी।
20- महुआ चुवे आंधी रात, ललित निबन्ध डा. राम शंकर भारती, जालौन
21 झांसी की रानी, बुन्देली खण्डकाव्य विजय शंकर करोलिया, ललितपुर।
22- बचते-बचते प्रेमालाप, व्यंग्य संग्रह अनीता श्रीवास्तव,टीकमगढ़।
23- झांसी के राजा, बुन्देली नाटक आरिफ शहडोली, मुम्बई।
24- बुन्देलखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, आलोचना ग्रन्थ राम प्रकाश गुप्त, चिरगांव, झांसी।
25- उकताते, बुन्देली दोहा संग्रह राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी‘ दतिया।
26- बुन्देलखण्ड परम्परा एवं रीति रिवाज, आलोचना ग्रन्थ डा. सुरेश कुमार दुबे झांसी एवं पन्ना लाल असर।
27- तुम हो तो, काव्य संग्रह डा. राम शंकर भारती, जालौन।
28- बुन्देली संस्कृति, संस्कार और काव्य, आलोचना ग्रन्थ डा. प्रियवंदा त्रिपाठी मिश्रा, मऊरानीपुर।
29- पाहुण गाथा, जैन गाथायें, डा. हीरालाल सिद्वान्त शास्त्री, ललितपुर।
30- श्री गीतांजल, श्रीमद् भागवत गीता का पद्यानुवाद ओम प्रकाश बमहरि, झांसी।
31- गुन अवगुन की गली में लघु बुन्देली उपन्यास एवं जिद बुन्देली कथाएँ डां दया दीक्षित।
32- हलाला एवं अन्य कहानियां हिंदी और बुंदेली कहानी संग्रह महेन्द्र भीष्म, लखनऊ।