April 19, 2024
शरीर में पसीना आना

शरीर में पसीना आना, आखिर क्यों आता है

शरीर के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों में पसीना आना

शरीर के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों में बार-बार पसीना क्यों आता है, इसकी मुख्य बजह क्या हो सकती है, पसीना का आना आखिर नहीं रूकता। जैसे कि हमारी हथेलियां, माथा, पैर के तलवे, आर्मपिट आदि इन हिस्सों में स्वेटग्लैंड्स अधिक मात्रा में होते हैं.

नर्वस स्वेटिंग?

जब आप नर्वस होते हैं तो आप के स्ट्रेस हार्मोन एक्टिवेट हो जाते हैं. इस से आप के शरीर का तापमान और हृदय की धड़कनें बढ़ जाती हैं. मस्तिष्क में मौजूद हाइपोथेलेमस, जो पसीने को नियंत्रित करता है, स्वेट ग्लैंड्स को संदेश भेजता है कि शरीर को ठंडा करने के लिए थोड़ा पसीना निकालना जरूरी है।

कैसे बचें इस परिस्थिति से

पसीना आने से आपकी परेशानी और बढ़ जाती है. घबराहट में सांसें तेजतेज चलने लगती हैं. रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जिस से और अधिक पसीना निकलने लगता है.

दिन की धड़कने तेज होने पर

जब आपके दिल की धड़कनें तीव्र हो रहीं हो तो थोड़ा शांत होने का प्रयास करें. अपनी ब्रीदिंग पर फोकस करें. गहरी सांस लें. कुछ देर तक (5-6 सेकंड) रोक कर रखें और फिर छोड़ दें. इस से आप का मन शांत होगा और स्ट्रेस घट जाएगा.

नियमित व्यायाम करें

ऐसे व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, उन्हें तनाव कम होता है. आत्मविश्वास बढ़ता है. आप जितने अधिक आत्मविश्वासी होंगे तनावपूर्ण स्थितियों को उतने बेहतर तरीके से हैंडल कर पाएंगे.

अपने शरीर में पानी की कमी न रखें

आप अपने शरीर का तापमान कम रखने के लिए अधिक पानी पिएं ताकि अधिक उष्मा को आपका शरीर त्वचा से पसीने के रूप में बाहर निकाल दे.

एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल, लाभदायक

जैसे की माना जाता है कि एंटीपर्सपिरेंट में पसीने को ब्लौक करने की क्षमता होती है. अगर आप को नर्वस, स्ट्रेस या एंग्जाइटी स्वेट की समस्या है, हथेलियों में पसीना ज्यादा आता है तो एंटीपर्सपिरेंट लगाएं. अपने पास थोड़ा बेकिंग पाउडर, कौर्नस्टार्च आदि रखे और किसी तनावपूर्ण स्थिति का सामना करने से पहले इसे हथेलियों पर अप्लाई करें. इससे पसीना नहीं आयेगा.

पसीना आने पर हम अपने हाथों को किसी तरह पोंछने का प्रयास कर रहे हैं और घबड़ाहट में हमारे हाथों से नोट्स गिरतेगिरते बचते हैं. ऐसी परिस्थिति में न सिर्फ आप का आत्मविश्वास घटता है बल्कि देखने वाले पर आप के व्यक्तित्व को लेकर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है. यह वास्तव में एक सामान्य प्रक्रिया है जो अक्सर हमारे साथ होती है.

पहले दिन, इंटेंस सोशल इंगेजमेंट या किसी डेडलाइन को मिस कर देने के भय के दौरान भी कुछ इसी तरह की स्थिति हमारे अंदर महसूस होती है. अनेकों बार तो यह भी देखा जाता है कि जब हम तीखा मसालेदार खाना जैसे स्मोकिंग या कैफीन, जंक फूडस के अधिक प्रयोग से भी ऐसा हो सकता है.

हमने यह महसूस किया है कि हमारे शरीर में पसीना कुछ खास हिस्सों में अधिक आता है. जैसे माथा, पैर के तलवे, हमारी हथेलियां, आर्मपिट आदि क्यों कि इन हिस्सों में स्वेटग्लैंड्स अधिक मात्रा में होते हैं. पसीना निकलता है ताकि हमारे शरीर का तापमान घट जाए. यही वजह है कि जब आप जोगिंग पर जाते हैं, कुश्ती लड़ते हैं एवं मेहनत का काम करते हैं या फिर गर्मी अधिक हो रही होती है तो आप को पसीना आने लगता है. आपके तनावपूर्ण परिस्थिति में भी हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और पसीना आने लगता है.


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