लखनऊ। यूपी की राजनीति का दौर जारी है। सभी राजनैतिक दल एक-दूसरे को शह और मात देने के खेल में जुट गये हैं। सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि पीएम मोदी के ऐलान के बाद किसान आंदोलन ठंडा पड़ जाएगा, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जिस तरह से किसानों ने अपनी महापंचायत में योगी और मोदी सरकार पर तीखे हमले किए है उससे बीजेपी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी इस बात का आंकलन करने में जुटी है कि यदि किसान आंदोलन की आग ठंडी नहीं हुई तो पश्चिम और तराई बेल्ट की कितनी सीटों पर इसका असर पड़ेगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस रणनीति को लेकर सोमवार को लखनऊ में बीजेपी की कोर कमेटी के साथ मंथन किया था और उन इलाकों में ज्यादा फोकस करने की सलाह दी है जहां चुनाव प्रभावित होने की गुंजाइश ज्यादा है।
नई चुनौतियों समझते हुए एक कार्ययोजना तैयार करेगी भाजपा
यूपी में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी युद्धस्तर पर काम कर रही है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा ने पार्टी के लिए अपनी रणनीति को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए एक नया ढांचा तैयार किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में कई भाजपा नेताओं ने चुनौतियों की पहचान करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने और उन्हें संबोधित करने की रणनीति तैयार करने पर जोर दिया।