bundeli artists of lalitpur – बुन्देली व्यंजनों को भी मिलेगा प्रोत्साहन
(ललितपुर)। ललितपुर के बुन्देली कलाकारों को अब मिलेगा स्थानीय मंच, मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय द्वारा यह अभिनव प्रयोग किया जा रहा है, जिसमें बुन्देलखण्ड की संस्कृति, पर्यटन, रीतिरिवाज, कला, लोकगायन तथा लोकनृत्य को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।
bundeli artists of lalitpur – इसके लिए जनपद ललितपुर में अपर जिलाधिकारी गुलशन को इसका नोडल, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी पीयूष चन्द्र राय को सहनोडल तथा कार्यालय के पटल सम्बंधी कार्यों के निष्पादन हेतु एल.बी.सी. द्वितीय प्रमेन्द्र कुमार श्रीवास्तव नामित किया गया है। उक्त के क्रम में 14 जून 2022 को जिलाधिकारी आलोक सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
bundeli artists of lalitpur – मण्डलायुक्त की परिकल्पना
बैठक में बताया गया कि मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय की परिकल्पना है कि ललितपुर जनपद के इतिहास, साहित्य और सांस्कृतिक विरासत को एक वैज्ञानिक प्रमाणीकृत रुप से देश के समक्ष रखने की आवश्यकता है, इसके लिए 4 मानकों संकलन, अन्वेषण, संरक्षण एवं शोध पर कार्य करने की आवश्यकता है, जिसके लिए 08 समितियों का गठन किया गया है।
bundeli artists of lalitpur – समितियों का गठन
bundeli artists of lalitpur – ललितपुर के बुन्देली कलाकारों को इस बैठक में मण्डल की तर्ज पर जनपद के लिए कुल 08 समितियां गठित की गई, जिसमें साहित्य विंग, सांस्कृतिक विंग, विशिष्ट कृषि उत्पादन संरक्षण एवं फ्लो फना विंग, पर्यटन एवं एतिहासिक स्थल विंग, क्षेत्रीय व्यंजन एवं रीतरिवाज विंग, जल संरक्षण विंग, हस्त शिल्प एवं उद्योग धंधों से सम्बंधित विंग, पर्ल्स ऑफ बुन्देलखण्ड विंग शामिल हैं। इन समितियों के लिए नोडल अधिकारी नामित किये गए हैं जिनके उत्तरदायित्व भी निर्धारित किये गए हैं।
साहिव्य विंग हेतु अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे लवकुश त्रिपाठी, संस्कृत विभागाध्यक्ष नेमवि डा. ओम प्रकाश शास्त्री, सांस्कृतिक विंग हेतु जिला विकास अधिकारी के.एन. पाण्डेय, युवा कल्याण अधिकारी बृजेन्द्र कुमार, प्रभारी नेहरु युवा केन्द्र विशाल सिंह, विशिष्ट कृषि उत्पादन संरक्षण एवं फ्लो फना विंग हेतु डीएफओ डीएन सिंह, उप निदेशक कृषि संतोष कुमार सविता, जिला उद्यान अधिकारी परवेज खान, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र महरुफ अहमद, पर्यटन एवं एतिहासिक स्थल विंग हेतु जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी पीयूषचन्द्र राय, जिला पंचायत राज अधिकारी नवीन मिश्रा,
अधि.अभि. सिं.नि.ख. माताटीला अरविन्द्र कुमार सचान, पर्यटन सूचना अधिकारी, क्षेत्रीय व्यंजन एवं रीतिरिवाज विंग हेतु प्रवक्ता डायट कीर्ति शुक्ला, अभिहित अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विनय अग्रवाल, अधि. अधिकारी नगर पालिका ललितपुर, नगर पंचायत तालबेहट एवं नगर पंचायत महरौनी, जल संरक्षण विंग हेतु उपायुक्त मनरेगा रविन्द्र वीर यादव,
भूमि संरक्षण अधिकारी ललितपुर रामअवतार, भूमि संरक्षण अधिकारी महरौनी देवेन्द्र सिंह निरंजन, हस्त शिल्प एवं उद्योग धंधों से सम्बंधित विंग हेतु महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र एस.के. सूर्यवंशी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक गौरव कुमार, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी आर.डी. वर्मा, तथा पर्ल्स ऑफ बुन्देलखण्ड विंग हेतु अपर जिलाधिकारी वि.रा. गुलशन कुमार, समस्त उप जिलाधिकारी एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को नोडल बनाया गया है।
ललितपुर के बुन्देली कलाकारों को बैठक में बताया गया कि इन समितियों के माध्यम से मण्डल के विभिन्न विरासतों का संकलन, संरक्षण, अन्वेषण एवं शोध हेतु गठित समिति के कार्यों की नियमित समीक्षा, समिति की आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में भाग लेना, समिति की कार्य प्रकृति के अनुसार उनके कार्यों, गतिविधियों का निर्धारण, पुर्ननिर्धारण कराते हुए वार्षिक कार्य योजना तैयार कराना
तथा उसके क्रियान्वयन हेतु प्रोत्साहित करना, समिति के कार्यों को गति देने के लिए विभिन्न स्तर पर समन्वय, सहयोग, मार्ग दर्शन प्रदान करना तथा आवश्यकतानुसार समितियों के आयोजनार्थ निजी क्षेत्र की सहभागिता, प्रायोजक खोजने में सहयोग करना, समिति की प्रस्तावित गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु उ.प्र. सरकार के संबंधित विभागों को प्रस्ताव प्रेषित कराने में सहयोग करना तथा उक्त विषय के क्षेत्र में कार्य कर रहीं अन्य संस्थाओंध्एजेंसियों से वित्तीय सहयोग की संभावनाओं को तलाशने का कार्य किया जाएगा।
- क्या है अवधारणा
उक्त समितियों के गठन की अवधारणा यह है कि बुन्देलखण्ड की प्राकृतिक व ऐतिहासिक सम्पदा इतनी समृद्ध है कि यदि इसे व्यवस्थित तरीके से विकसित कर विश्व पटल पर रखा जाये तो यहाँ पर्यटकों का न सिर्फ आकर्षण बढ़ेगा बल्कि विलुप्त हो रहीं ऐतिहासिक इमारतों व पर्यटन स्थलों को नवजीवन मिलेगा, साथ ही पर्यटकों के आने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेगंे।
उन्होंने कहा कि झाँसी मण्डल बुन्देलखण्ड के विस्तृत भाग का एक महत्वपूर्ण मण्डल है। इस मण्डल में झाँसी, जालौन एवं ललितपुर जिलों के विशाल क्षेत्र शामिल है। यह क्षेत्र अतीत की एक स्वर्णिम एवं गौरवशाली, ऐतिहासिक स्मृतियों का साक्षी रहा है। इस क्षेत्र में इतिहास, साहित्य और संस्कृति की अविरल गंगा सदियों से प्रवाहित होती रही है।
इस अविरल धारा का सातत्य आज भी बना हुआ है। इस क्षेत्र में तमाम ऐसी महान विभूतियाँ हुई हैं जिन्होंने इस अविरल धारा को अक्षुण्ण बनाये रखने में अपना अमूल्य योगदान दिया है। यहाँ की परंपराओं, रीतिरिवाजों, जीवन दर्शन में विविधताओं की एक लंबी फेहरिस्त मोजूद है। इस क्षेत्र की तमाम अनकही बातें, परंपरायें, साहित्य एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ सम्पूर्ण देश एवं मानवता के लिए ध्यानाकर्षण योग्य है।
- यह है रणनीति
बैठक में बताया गया कि बुन्देलखण्ड की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए रणनीति तैयार की गई है, जिसमें गठित की गई समितियों का पंजीकरण, तय किये गये विषयों पर कान्सेप्ट नोट तैयार करना, संबंधित क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों से परिचर्चा कर दीर्घकालिक रणनीति व गतिविधियों का निर्धारण करना तथा निर्धारित गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु कार्ययोजना का निर्माण,
संबंधित विभागों के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित कर सहयोग व समन्वय, मेन्टारिंग ग्रुप (मार्गदर्शक समूह) का गठन, गतिविधियों का क्रियान्वयन व नियमित समीक्षा, विभिन्न विभागों व संस्थाओं से समन्वय, निजी क्षेत्र की सहभागिता सुनिश्चित करना, शासन की विभिन्न योजनाओं से समिति के कार्यों को जोड़ना तथा समितियों की गतिविधियों के आयोजन हेतु सी. एस. आर. से जोड़ना उद्देश्य है।
कश्मीर का गुलमर्ग है, धरती का स्वर्ग