Bundelkhand Culture 2022: बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अनेक प्रबुद्ध नागरिक विदेशों में रह रहे हैं ये लोग यहाँ कि सांस्कृतिक विरासत से जुड़कर व बुन्देली लोक कलाकारों को अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपोजर के लिये ऐसा मंच तैयार करेंगे जिससे यहाँ के कलाकारों को उन देशों में अपनी प्रतिभा का अवसर मिले। यूँ तो विदेशों में रहने वाले भारतीयों के बीच तीज त्योंहारों व विभिन्न अवसरों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है परन्तु वहाँ लोक कलाकारों की उपलब्धता न होने के कारण भारतीयों को अपनी संस्कृति से जुड़े लोगों की प्रस्तुतियाँ देखने को नहीं मिल पाती हैं वहीं दूसरी ओर बुन्देलखण्ड के लोक कलाकार समुचित मंच व अवसर न मिलने से अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पाते।
![Bundelkhand Culture 2022](https://i0.wp.com/lennews.in/wp-content/uploads/2022/07/Bundelkhand-Culture-2022-1.jpg?resize=300%2C200&ssl=1)
बुंदेलखण्ड के विदेशों में रह रहे संस्कृति प्रेमी करेंगे बुन्देली धरोहर का प्रचार-प्रसार
ऐसी स्थिति को देखते हुए झाँसी के मण्डालयुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने एक पहल की है जिसके धरातल पर उतरने पर बुन्देली कलाकारों को विदेशों में कार्यक्रम देने के आमंत्रण मिलेंगे जिससे बुंदेली कलाओं को एक अलग पहचान व कलाकारों को अवसर मिलेंगे। आयुक्त ने बताया कि बुन्देलखण्ड के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य आयामों के वैज्ञानिक एवं तर्कसंगत ढंग से संग्रहण एवं प्रस्तुतीकरण हेतु संकलन अन्वेषण, संरक्षण एवं शोध कार्य गठित की गयी 8 समितियों द्वारा किये जा रहे हैं, इसकी सफलता को देखते हुए झाँसी मण्डल की तर्ज पर विदेशों में भी बुन्देली सांस्कृतिक समितियाँ कार्य करेंगी इसके लिये ‘अन्तर्राष्ट्रीय बुन्देलखण्ड संस्कृति प्रसार समिति’ का गठन किया गया है।
Bundelkhand Culture 2022: सांस्कृतिक धरोहर का प्रचार प्रसार भी होगा
Bundelkhand Culture 2022: यह समिति बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विदेशों में रह रहे भारतीयों समुदाय में बुन्देली कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ की सम्भावनाओं को तलाश करेगी बनेगी साथ ही यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रचार-प्रसार भी होगा। यदि यह योजना जमीन पर उतरी तो इसका व्यापक असर होगा और बुन्देलखण्ड के लोक कलाकार विदेशों में जाकर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इन प्रस्तुतियाँ से न सिर्फ कला का प्रसार व संबर्धन होगा बल्कि कलाकारों को आय अर्जित करने का भी अवसर मिलेगा।
अन्तर्राष्ट्रीय बुन्देलखण्ड संस्कृति प्रसार समिति की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए मण्डलायुक्त ने बताया कि इस समिति में केवल उन्हीं लोगों को सदस्य बनाया जाएगा जो विदेशों में रह रहे हैं। सदस्यता सूची तैयार करने के लिये ईमेल आईडी के माध्यम से विदेश में रह रहे बुन्देलखण्ड के लोगों की सूचनाएँ संकलित की जायेगी। इस समिति का कार्य क्षेत्र भारत में न होकर वहीं होगा जहां वे विदेशों में बुन्देलखण्ड के लोग रह रहे हैं।
Bundelkhand Culture 2022: बुंदेली लोक कलाकारों को आमंत्रित करेंगे
आयुक्त ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय समिति के सदस्यों से भारत में किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं ली जायेगी बल्कि वे अपने निवास वाले देशों में बुंदेली सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की योजना बनाकर कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे जिसमें बुंदेली लोक कलाकारों को आमंत्रित करेंगे। मण्डलायुक्त ने बताया कि इस समिति के गठन से बुंदेली कला एवं कलाकारों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप यहाँ की कला संस्कृति का विस्तार होगा और ये बुन्देली कलायें विश्व पटल पर जीवन्त हो उठेंगी।
मण्डलायुक्त ने अन्तर्राष्ट्रीय बुन्देलखण्ड संस्कृति प्रसार समिति के गठन की प्रारम्भिक कार्यवाही व समन्वय के लिए बुंदेलखंड इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलॉजी झाँसी के प्रो. मनोज गुप्ता, व संयुक्त शिक्षा निदेशक के प्रतिनिधि डॉ. अनिरूद्ध रावत को नामित किया है। प्रशासनिक स्तर पर सहयोग एवं समन्वय हेतु आनन्द चौबे मण्डलीय परियोजना प्रबंधक सिफ्सा व क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्ति को दायित्व सौंपा गया।
विदेशों में बुन्देलखण्ड संस्कृति प्रसार के लिये प्रतिनिधि नामित किये जाने लगे हैं इसमें अमेरिका में रह रहे विनोद गुप्ता, संजीव गुप्ता, दीपक मशाल आदि से सम्पर्क किया गया है इसके अतिरिक्त ऑस्ट्रलिया, कनाडा व यूरोप में भी रह रहे बुन्देलखण्ड के लोगों से सम्पर्क किया जा रहा है। आयुक्त ने अपील की है कि विदेशों में रह रहे जिन व्यक्तियों के परिजन बुन्देलखण्ड में रहते हैं वे इस गतिविधि के संबंध में उन्हें जानकारी दें ताकि उन्हें समिति से जोड़ा जा सके।
समिति के प्रस्तावित कार्य
- अन्तर्राष्ट्रीय बुन्देलखण्ड संस्कृति प्रसार समिति का गठन होगा
- बुंदेलखंड के वे लोग जो विदेशों में रह रहे हैं, उनकी एक सूची ईमेल आईडी के माध्यम से तैयार की जाएगी।
- सूची तैयार करने के लिए सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से लोगों को खोजा जाएगा
- समिति में केवल उन्हीं लोगों को सदस्य बनाया जाएगा जो बुन्देलखण्ड के होंगे और विदेशों में रह रहे हों।
- इस समिति का कार्य क्षेत्र वहीं होगा जहां विदेशों में बुंदेलखंड के लोग रहते हैं।
- समिति से भारत में किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं लिया जायेगा। समिति केवल विदेशों में बुंदेली कार्यक्रमों के आयोजन करेगी।
- झाँसी मण्डल की तर्ज पर विदेशों में भी बुन्देली सांस्कृतिक समितियाँ गठित होंगी
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