भागवत कथा श्रवण से व्यक्ति होते हैं भव सागर से पार-पं. सौरभ कृष्ण शास्त्री

ललितपुर। गौ सेवा मंडल द्वारा आयोजित श्री मद्भागवत कथा के समापन के बाद गुरुवार को हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास पं सौरभ कृष्ण शास्त्री ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। उन्होंने आगे बताया कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। तो वहीं कथावाचक ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन पर विधिविधान से पूजा करवाई। दोपहर तक हवन और भंडारा कराया गया। श्रद्धालुओं ने भी हवन में आहुति डाली। पूजन के बाद दोपहर को विशाल भंडारा आयोजित हुआ। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर कथा परिक्षित लखन लाल रावत, श्रीमति कमला रावत, महावीर प्रसाद दीक्षित, प्रेस क्लब अध्यक्ष राजीव बबेले, डा. संजीव बजाज, विनोद पाठक, समाजवादी युवजन सभा जिलाध्यक्ष नेपाल सिंह यादव, रामाधार दुबे, मनमोहन चौबे, भरत रावत, प्रसन्न दुबे, धर्मेन्द्र यादव, ललित रावत, कुलदीप गोस्वामी, भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष नीतेश संज्ञा, महामंत्री देवेन्द्र सिंह राजपूत, श्रीमति उषा, आरती, अन्नपूर्णा, किरन, अनीता रावत, विमला, शांति, गीता देवी, शकुन्तला, प्रेमकुमारी, गंगादेवी, धर्म कुमार, सुनील पटैरिया, बलराम पचौरी, सूर्यप्रकाश रिछारिया, रामकुमार पुरोहित, रानू नामदेव, राकेश नामदेव, नीलेश पटेल, दीपक त्रिपाठी, रत्नेश दीक्षित, राममूर्ति तिवारी, पवन राजपूत, अक्षय बोहरे सहित अनेकों श्रद्वालु मौजद रहे।

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