Chambal News: चंबल के पूर्व डकैत ने फिर अपने कंधों पर टांगी बंदूक, इस डाकू पर थे 70 हत्या के मामले दर्ज

Chambal News: चंबल की घाटी देश में कौन नहीं जानता है। चंबल की घाटी के बीहड़ों में 80 के दशक में डाकैतों का खुला आतंक था। चंबल का नाम सुनकर लोगों के अंदर खौफ आ जाता था, क्योंकि चंबल के जंगलों में डाकुओं का डेरा था। आज हम बात कर रहे हैं चंबल के पूर्व डकैत रमेश सिंह सिकरवार के बारे में। 80 के दशक में इनका चंबल के बीहड़ों में बहुत ही आतंक था। इन पर करीब 70 हत्या के मुकदमें दर्ज थे। अब इन्होंने फिर से अपने कंधों पर बंदूक टांक ली है और यह बंदूक पूर्व डकैत ने क्यों टांगी है। इस खबर में आगे विस्तारता के साथ आपको बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं चंबल के इस पूर्व डकैत के बारे में।

Chambal News: पूर्व डकैत रमेश सिंह का 80 के दशक में था चंबल के बीहड़ों में आतंक

खबर के मुताबिक आपको बता दें कि चंबल के बीहड़ों के पूर्व डकैत रमेश सिंह सिकरवार का 80 के दशक में खूब आतंक था। इस डकैत की उस समय तूती बोलती थी। इस डकैत पर हत्या, लूट, अपहरण व डकैती जैसे कई मामले दर्ज रह चुके हैं। चंबल के इस डाकू ने आतंक बरपाने के बाद खुद आत्मसमर्पण किया था। अब यह पूर्व डकैत रमेश सिंह सिकरवार चीतों की जान बचाने के लिए कंधे पर बंदूक टांग ली है। और पूर्व डकैत बन गये हैं चीता के मित्र।

Chambal News: वन विभाग की पहल पर चीता बचाने का लिया जिम्मा

खबर की जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि पूर्व डकैत रमेश सिंह सिकरवार वन विभाग की पहल पर चीता बचाने के लिए चीता मित्र बने हैं और उन्होंने अपने कंधों पर बंदूक टांग कर यह जिम्मा लिया है। यह पूर्व डकैत आसपास के अलग-अलग गांवों में पहुंचकर चीतों की जान बचाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। चंबल के बीहड़ों की कहानी भी बहुत पुरानी है। किसी समय में यहां डाकुओं का खौफ रहता था।

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