Child Labour is a Crime: बाल श्रम कराना एक अपराध है, हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान का अधिकार है: जिला प्रशासन

Child Labour is a Crime: यूपी, ललितपुर: शासन के निर्देशानुसार जनपद में बाल श्रम को रोकने और हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान का अधिकार दिलाये जाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने हेतु आज शुक्रवार को जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी की अध्यक्षता में श्रम विभाग एवं यूनिसेफ के पदाधिकारियों के साथ कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्रम विभाग के अतिरिक्त सरकार के अन्य विभाग जैसे शिक्षा, पंचायती राज, महिला कल्याण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पुलिस, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, ग्राम्य विकास व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग भी उपस्थित रहे.

इसके अतिरिक्त बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वासन कार्याें में स्थानीय स्तर पर गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों श्रमिक एवं नियोक्ता संगठनों व अन्य स्टेकहोल्डर्स भी शामिल रहे। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये कि 17 जून तक विशेष जागरूकता अभियान जनपद में बाल श्रम के विरूद्ध चलाया जायेगा जिसमें यूनिसेफ द्वारा भी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जायेगा। शादी-विवाह कार्यक्रमों में बाल श्रम को रोकने हेतु टेण्ट संचालक, डीजे/बैण्ड संचालक, हलवाई, शादी घर मालिकों एवं वर/वधू से लिखित प्रमाण-पत्र समारोह से पूर्व लिया जाये कि उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का बाल श्रम नहीं कराया जायेगा.

Child Labour is a Crime: हम सब मिलकर समाज से बाल श्रम समाप्त करने केे लिए सदैव प्रतिबद्ध रहें

कहीं भी बाल श्रम होता पाया गया तो तत्काल दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। जनपद में बेकरी संचालकों व अन्य प्रतिष्ठानों में प्रायः कार्यवाही की जाती रही है, निर्देश दिये गये कि खाद्य सामग्री प्रतिष्ठानों में बाल श्रम कराये जाने वाले सेवायोजकों/दुकानदारों के विरूद्ध लाईसेंस निरस्त की कार्यवाही भी की जाये, छापेमारी के दौरान सहायक खाद्य आयुक्त भी शामिल रहें, नगर पालिका/नगर पंचायतों में भी बाल श्रम कराने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये, जिससे जनपद को बाल श्रम मुक्त कराया जा सके।

शिक्षा विभाग के यूडायस कोड में पंजीकृत छात्र/छात्राओं का सर्वेक्षण कराया जाये जो 15 से 20 दिन निरन्तर अनुपस्थित रहे हों, यदि वह बाल श्रम में नियोजित हों तो उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाये और सेवायोजकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि ‘‘बाल श्रम रोको‘‘ विशेष अभियान के दौरान छापेमारी टीम/जनपद स्तरीय अधिकारियों/नामित निरीक्षकों/टास्क फोर्स के लक्ष्य निर्धारित कर ग्राम पंचायत स्तर पर कराये जा रहे बाल श्रम को रोका जाये। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि एक्ट् में जिसको निरीक्षक घोषित किया गया हो उसको तहसील-वार, ब्लाक-वार, लक्ष्य दिया जाये ताकि अधिक से अधिक बच्चों को अवमुक्त कराया जा सके।

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बैठक में बताया गया कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 यथा संशोधित 2016 के अन्तर्गत सभी प्रकार के कार्यों में बच्चों (14 वर्ष से कम) के कार्य करने पर प्रतिबन्ध के साथ ही किशोरों (14-18 वर्ष) तक के खतरनाक व्यवसायों व प्रक्रियाओं में प्रतिबन्धित होगा। धारा-3 के अंतर्गत 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये किसी प्रकार का भी श्रम (कार्य) प्रतिबन्धित कर इसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 से जोड़ा गया है।

किशोर-किशोरियों (14 से 18 वर्ष) के लिये कार्य करने पर प्रतिबन्ध ( धारा-3ए) के तहत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित खतरनाक व्यवसायों व प्रकियाओं जैसे-खतरनाक व्यवसायों व प्रक्रियाओं जिनमें किशोर-किशोरियों का काम करना व बच्चों (14 वर्ष से कम) का मदद करना प्रतिबन्धित है। वह खतरनाक व्यवसाय व प्रक्रियाऐं जिनमें पार्ट‘ए’ के अतिरिक्त बच्चों (14 वर्ष से कम आयु) का परिवार के कार्याें में मदद करना प्रतिबन्धित है। इस हेतुम दण्ड के रुप में धारा-3 व 3ए के अन्तर्गत किये जाने वाले अपराध संज्ञेय अपराध होगा और न्यूनतम 06 माह व अधिकतम 02 वर्ष की सजा व न्यूनतम 20,000 व अधिकतम 50,000/- का जुर्माना अथवा दोनों अपराध की पुनरावृत्ति पर न्यूनतम 01 वर्ष व अधिकतम 03 वर्ष की सजा का प्रावधान है।

जनपद में बाल श्रम रोकने 17 जून तक चलेगा विशेष जागरूकता अभियान

संज्ञेय अपराधों में अधिनियम के अन्तर्गत अब सीधे एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जा सकती है। पुलिस अधिकारी को विवेचना के लिये मजिस्टेªट की अनुमति की आवश्यकता नही होगी। आवश्यक होने पर पुलिस अधिकारी गिरफ्तार भी कर सकता है। जिस व्यक्ति के विरूद्व एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जायेगी उसे अपराधिक मुकदमें का सामना करना होगा। कार्यक्रम के अन्त में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया एवं प्रचार वाहन व रैली को जिलाधिकारी द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया जो शहर के विभिन्न स्थानों पर घूमकर बाल श्रम रोकथाम हेतु जानकारी दी एवं प्रचार-प्रसार किया। बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा शपथ ली गयी कि वह जनपद को बाल श्रम मुक्त करायेंगे।

बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका दिनेश कुमार विश्वकर्मा, जिला सूचना अधिकारी डी0एस0 दयाल, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी राजेश बघेल, बाल विकास परियोजना अधिकारी खुशबू यादव, प्रभारी डी0आई0ओ0एस0 कोमल सिंह नरवरिया, प्रभारी बी0एस0ए0 नन्दित कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, यूनीसेफ से परीक्षित सेठ, इण्टेक महासचिव विनोद कुमार मिश्रा, अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव, सोसायटी फार प्रगति भारत की एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर दीपाली पटेरिया, जनसाहस जिला समन्वयक राजेश कुमार आदि उपस्थित रहें।

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