अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर डिजिटल साक्षर महिलाओं का सम्मान

ललितपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ललितपुर के तत्वाधान में डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स और साई ज्योति संस्था द्वारा संचालित तथा रिलायंस फाउंडेशन द्वारा समर्थित तारा वीएड परियोजना को ललितपुर के अंतर्गत जखौरा ब्लॉक के डिजिटल साक्षरता केन्द्रों में लाभार्थी महिलाओं ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर पंचायत भवन बाँसी में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरीश कुमार तथा फूल चन्द्र क्षेत्राधिकारी सादर की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर को संवोधित करते हुये मुख्य अतिथि सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरीश कुमार ने बताया कि सरकार ग्रामीण गरीबों एवं महिलाओं को कानून की सहायता पहुंचाने के उद्देश्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सक्रिय रूप से जनपद में कार्य कर रहा है, उन्होंने कहा साईं ज्योति संस्था द्वारा डिजिटल लिटरेसी का कार्यक्रम किया जा रहा है जो सराहनीय है। हरीश कुमार ने कहा महिलाओं को मोबाइल ऐप के माध्यम से भी कानूनी सहायता दी जा सकती है इसके लिए छ।स्ै। ऐप के माध्यम से कानूनी सहायता प्राप्त की जा सकती हैं। कुमार ने विभिन्न कानूनों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कानून बनाकर उनकी सुरक्षा का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जो ग्रामीण महिलाएं कानून तक नहीं पहुंच पाती है उनके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण काम कर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्राधिकारी पुलिस फूल चंद्र ने कहा पुलिस की सेवाओं में 1090 वूमेन पावर लाइन एवं 112 नंबर प्रमुख है। उन्होंने कहा कि आप अगर कभी रात किसी ऐसी स्थिति में है जहां आपके पास साधन नहीं है तो आप 112 नंबर पर कॉल करके वाहन बुला सकते हैं जो आपको घर तक भेजने की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश पुलिस आपकी सेवा में हमेशा तैयार है। सांई ज्योति संस्था के सचिव अजय श्रीवास्तव ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि यह विशेष दिन महिलाओं का सम्मान करने और उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनाने का दिन है। उन्होंने कहा कि आज तारा वी एड परियोजना के द्वारा डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के द्वारा लाभान्वित महिलाओं को सम्मान देने हेतु हम सब यहाँ इक्टठा हुए हैं। तारा वीएड प्रोजेक्ट के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पुष्पेंद्र यादव ने सभी को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य 25 से 45 वर्ष के आयु वर्ग की नव-साक्षर महिलाओं को सशक्त बनाना है, ताकि आवश्यक तकनीकों तक उनकी पहुँच हो और वो आर्थिक सशक्तिकरण की ओर बढ़ सकें। प्रोजेक्ट के द्वारा जखौरा ब्लॉक के 16 गाँवों- आलापुर, लखनपुरा, बाँसी, नदनवारा, सिरसी, जखौरा, बरौदा स्वामी, ननौरा, बुढ़वार, थनवारा, मडवारी, भरतपुरा, रानीपुरा, लगौन, प्रतापपुरा और दैलवारा में प्रत्येक में एक 16 डिजिटल साक्षरता केन्द्र बनाये गए हैं। प्रत्येक गाँव में स्मार्टफोन दीदियों के द्वारा प्रथम चरण में टैब्लेट, स्मार्टफोन और इंटरनेट का प्रयोग करते हुए 414 महिलाओं को डिजिटली साक्षर बनाने का काम किया जा रहा है। 26 मार्च से दूसरे चरण में भी लगभग 500 महिलाओं को दैनिक जीवन में काम आने वाली एप्लिकेशन के प्रयोग के बारे में सिखाया जाएगा ताकि स्मार्टफोन का प्रयोग करके ये आगे बढ़ सकें और अपने व्यवसाय को भी आगे बढ़ा सकें। चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर कर्नल एम.एस. आहलुवालिया तथा प्रोग्राम मैनेजर अकील अहमद ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर क्षेत्रीय टीम को शुभकामनायें भेजीं। समारोह के आयोजन में सीनियर सुपरवाइजर राघवेंद्र पांडे, स्मार्टफोन दीदी गीता झा और सोनम यादव तथा साई ज्योति संस्था रमन शर्मा एवं अन्य कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन अजय श्रीवास्तव ने किया।

  • अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बेटिंयों ने उकेरी आकृति

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेटिंयों ने मातृशक्ति की आकृति को दीवाल पर उकेरकर अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।आचार्य विद्यासागर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मडावरा की बेटिंयों आकांक्षा श्रोति, मचला, सौम्या सोनी, सेजल सोनी, वंदना, अंजली तिवारी, दीक्षा सिंह, दीक्षा राजा, साक्षी ने इस स्लोगन को लिखकर नारी को दो इतना सम्मान,बढें भारत देश का सम्मान लिखकर भारतीय नारी की महिमा को दर्शाया। इस दौरान शिक्षिका आकांक्षा विश्वकर्मा ने कहा कि मां के रूप में नारी, धरती पर अपने सबसे पवित्रतम रूप में है। मां को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है, क्योंकि ईश्वर की जन्मदात्री भी नारी ही रही है। नारी का हमेशा सम्मान होना चाहिए। इस दौरान प्रधानाचार्य चक्रेश जैन, प्रवक्ता रमेशचंद्र जैन, महेशचंद्र जैन, सुधेश खरे, धर्मेन्द्र सिंह, विशेष जैन, अंशु सोनी, आकांक्षा विश्वकर्मा, अर्चना विश्वकर्मा, कीर्ति सिंह, इशिता विश्वकर्मा, राशि निरंजन आदि मौजूद रहे।

  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम हुये आयोजित

विश्व मानवाधिकार कानून एवं अपराध नियंत्रण ट्रस्ट भारत जिला ललितपुर कार्यालय पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का कार्यक्रम आयोजन किया गया। सर्वप्रथम संस्था की महिला सशक्तिकरण जिलाध्यक्ष सूरज कुमारी ने भारत माता की तस्वीर पर ज्योत जलाई एवं माला अर्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की। जिलाध्यक्ष ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया गया एवं जागरूक कराया गया। कि हम किस प्रकार लोगों से लड़ सकते हैं अपना अधिकार कैसे पा सकते हैं और अपनी रक्षा हम कैसे स्वयं कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण जिलाध्यक्ष सूरज कुमारी, पूनम साहू, पुष्पा, मोनिका, अनीता, अनुराधा, वन्दना, श्री बाई महिला सदस्य एंव संस्था के मण्डल वरिष्ठ उपाध्यक्ष चन्दन सिंह अहिरवार, मण्डल महासचिव चरन सिंह श्रीवास, जिलाध्यक्ष धनीराम अहिरवार, जिला प्रभारी बलराम अहिरवार, जिला उपाध्यक्ष गौरव चतुर्वेदी, जिला कोषाध्यक्ष संकेत,दीपक, सतेन्द्र नामदेव,देवेन्द्र योगी,दिनेश साहू,मुकेश कुशवाहा, अशोक बाथरे सदस्य मौजूद रहे।

  • प्रोफेसर डा. सीमा पाण्डेय की अध्यक्षता में जल सहेलियों के द्वारा मनाया

आज राही वीरागंना के सभागार में विश्व महिला दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर झांसी एवं ललितपुर की जल सहेलियों के द्वारा सहभागिता की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर डॉ. सीमा पाण्डेय के द्वारा जल सहेलियों की सराहना की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड की सबसे बडी समस्या जल है इस जल को लेकर जल सहेलियां जो कार्य कर रही है वही इस महिला दिवस की थीम है। आज बुन्देलखण्ड की महिलाएं जलवायु परिवर्तन के लिए लैगिंक समानता के साथ लड रही है। यह महिला दिवस इन्हीं जैसी महिलाओं पर चरितार्थ होता है। ज्ञातव्य है कि प्रो० डॉ० सीमा पाण्डेय, मण्डलायुक्त, झॉसी की धर्मपत्नी हैं, इनके द्वारा सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जाता है। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि झॉसी के ट्रैफिक क्षेत्राधिकारी प्रज्ञा पाठक ने कहा कि जिस दिन महिलाएं अपने जीवन के लिए स्वयं निर्णय लेने लगेगी उस दिन वह स्वयं सशक्त हो जाती है। आप सभी महिला सशक्तिकरण लिए स्वयं एक आदर्श है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के सहायक प्राचार्य डॉ० मुहम्मद नईम ने कहा कि आज हम यह विश्व महिला दिवस उन महिलाओं के बीच मना रहे है जो रानी लक्ष्मीबाई की तरह बुन्देलखण्ड को बचाने का बीडा उठाये हुयी है। इसमें उनका साथ परमार्थ समाज सेवी संस्थान के द्वारा दिया जा रहा है। नबावाद थाना की महिला थानाध्यक्ष नीलेश कुमारी ने कहा कि यह देखकर बड़ा अच्छा लग रहा है कि महिलाएं विश्व महिला दिवस को एक त्यौहार जैसा मना रही है। जिस दिन हम अपने अधिकारों को जान जायेगे आप अपने आप सशक्त हो जायेगे। परमार्थ समाज सेवी संस्थान की राज्य समन्वयक शिवानी सिंह ने कहा कि जल सहेली जो पानी के संकट को दूर करने का काम कर रही है, इनके कामों को लेकर जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा इन्हें सम्मानित किया गया है। इन्होंने पानी के लिए तरसते हुए बुन्देलखण्ड को फिर से पानीदार बनाने का प्रयास किया है। जिसके कारण इन्हें कई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया है। इस महिला दिवस की थीम जलवायु परितर्वन को लेकर लैगिंक समानता है यह इस थीम को जीता जाता उदाहरण है। साहित्य के क्षेत्र में काम कर रही डॉ0 निधी अग्रवाल ने कहा कि आप लोगों के पास एकता की शक्ति है, आज यह शक्ति आप सबमें दिख रही है। खुद अपने बदलाव के साथ अपने समाज में बदलाव में भी बदलाव लाये और अधिक महिलाओं को जोडे, जिससे बुन्देलखण्ड पानीदार बन सके। कार्यक्रम में झांसी एवं ललितपुर में जिले में अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 10 महिलाओं (अनुष्ठा राजपूत, जिया यादव, निधि नागर, कृष्णा राजपूत, जलेव राजा, पूजा सहरिया, कमला, सुशीला देवी) कों वीरागंना सम्मान से भी नवाजा गया। इससे पहले सभी जल सहेलियों के द्वारा ईलाइट चौराहे से राही वीरागंना सभागार तक रैली निकाली गयी। कार्यक्रम में मंच का संचालन सिद्धगोपाल सिंह ने किया उन्होंने कहा महिलाओं का अपनी पहचान साबित करने के लिए खुद आगे आना होगा इन सभी जल सहेलियों ने यह करकर दिखाया है। इस अवसर पर चाइल्ड लाइन प्रभात कुमार, सत्यम, सोनिया पस्तोर, अनुज्ञा सिंह, मनोज पाल, गौरव पाण्डे, राखी, रामलखन, सुनील, सुदामा मीरा, मीना, रानी, गीता, सिरकुंवर सहित 1 सैकड़ा से अधिक जल सहेलियां उपस्थित रही। आभार व्यक्त जगरूप सिंह के द्वारा किया गया।

  • जीवन जाएगा संवर जबफोकस होगा खुद पर…

आज एक अहम दिन है। महिला दिवस रस्म अदायगी नहीं है। यह आपकी जिंदगी को निर्णायक मोड़ देने वाला भी साबित हो सकता है। बस आज से ही अपना फोकसखुद पर कर लें। विश्वास कीजिए, इससे सिर्फ आपका ही नहीं सारे परिवार का जीवन संवर जाएगा… वाहन चलाने के अपने अनुभव को याद कीजिए। गाड़ी ने आपको सहूलियत तो दी ही, और क्या-क्या दिया? अब आप दूसरों पर निर्भर नहीं हैं। यूं तो पिता, भाई, पति या पुत्र मदद के लिए बराबर मौजूद हैं, लेकिन अब आप अपना शेड्यूल खुद तय करती हैं। आपको पता है कि कॉलेज या दफ्तर पहुंचने में 20 मिनट लगते हैं, तो आप उस हिसाब से सारी तैयारियां करती हैं। आपको टैक्सी के लिए भी इंतजार नहीं करना पड़ता। रास्ते में कोई और काम भी निपटा सकती हैं, खरीदारी कर सकती हैं। अब आप किसी सहेली की मौके-बेमौके सहायता करने में भी सक्षम हैं। खुद ड्राइव करने के एक निर्णय ने आपकी जिंदगी कितनी बदल दी। हो सकता है कि पहले-पहल आप झिझक रही हों, शुरू-शुरू में बड़ा तनाव भी होता हो। किंतु आज जब आप सहजता से गाड़ी चला लेती हैं तो जिंदगी बेहतर जरूर लगती होगी। अपने जीवन में झांकिए। खुद को देखिए। मुमकिन है कि जिदंगी की गाड़ी चली जा रही हो, मदद भी मिल जाती हो, लेकिन उसके बदले में आप आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्णय से वंचित होकर एक बड़ी कीमत चुका रही हैं।

  • इस महिला दिवस का मंत्र है

खुद पर फोकस। स्वयं को देखना। इसे पल्लू, दुपट्टे के छोर या रुमाल में गांठ बांधकर रख लीजिए। जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देखिए कि कहीं आप दूसरों पर बेवजह निर्भर तो नहीं, औरों पर लदी हुई तो नहीं हैं, भले ही वे आपके परिजन हों। सोचिए कि आप अपने तन-मन के किसी अहम पहलू को अनदेखा तो नहीं कर रहीं। आपने औरों के लिए बहुत कुछ किया है, बेशक आगे भी करती रहेंगी, अपनी जिम्मेदारियां तो निभाएंगी ही, किंतु अब खुद पर भी गौर कीजिए।

  • स्वास्थ्य सबसे बडा धन

स्वास्थ्य को लेकर निश्चित ही आप कुछ सचेत तकनीक ने पिछली सदी में महिलाओं की दशा हो चुकी हैं। आपने योग, प्राणायाम और सैर को जितनी बदली है, उतनी किसी और ने नहीं। पहले रुटीन में शामिल कर लिया होगा। लेकिन खुद एक आम स्त्री का पूरा जीवन रसोई और अन्य से पूछे कि घरेलू कार्यों में खप जाता था। लेकिन दैनंदिन में क्या इतना ही पर्याप्त है? तकनीक का दखल जितना बढ़ता गया, उतनी ही क्या आप संतुलित पोषण ले रही हैं? सहूलयित और साथ में समय भी मिलता गया। क्या आप उम्र के अनुसार जरूरी जांचें नियमित तकनीक कोई भारी-भरकम शब्द नहीं है जिससे रूप से करा रही हैं, या हमेशा की तरह दिक्कत बढ़ने आप दूर भागें। सिल-बट्टा भी एक तकनीक थी अथवा बीमार पड़ने का इंतजार कर रही हैं? और मिक्सी भी यही है। जैसे-जैसे तकनीक आती क्या आप जानती हैं कि आपकी उम्र में कौन- गई जिंदगी आसान होती गई। सी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं? आप मोबाइल और लैपटॉप के फीचर्स के बारे कहीं आपको यह तो नहीं लगता कि कोई और में जानिए, उनका इस्तेमाल कीजिए। ऑनलाइन आपके लिए इन सब बातों का ध्यान रखे? सुविधाओं का लाभ उठाइए। गाड़ी चलाना कोरोनाकाल ने सिखाया कि सेहत है तभी सीखिए। पहले से चलाती हैं तो उसकी मशीनों सबकुछ है। आप खुशियों का आनंद ले पाएं इसके और कार्यप्रणाली के बारे में जानिए, छोटी-मोटी लिए आपका स्वस्थ बने रहना अनिवार्य है। गड़बड़ियां खुद सुधारना सीखिए। सबसे बड़ी बात, तकनीक से घबराइए मत। जो चीज आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए है, उसी के लिए दूसरों पर निर्भर रहने में कहां की समझदारी? तकनीक के लाए जाने का इंतजार भी मत कीजिए, अपनी आवश्यकताओं में मददगार नई तकनीकों के बारे एहसास में जानिए और आगे बढ़कर उनका प्रयोग कीजिए।

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