किशोरों को पर्यावरण की, महत्ता बताएंगे स्वास्थ्य अधिकार

विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित किए जाएंगे विविध कार्यक्रम

ललितपुर। अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी किशोर किशोरियों को पर्यावरण की महत्ता समझाएंगे, जिससे कि वह भी पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अजय भाले ने बताया कि इंसान और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं है। स्वस्थ जीवन के लिए पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। हर साल 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस साल ‘केवल एक पृथ्वी‘ (ओनली वन अर्थ) थीम के साथ पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा। यह नारा प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने पर ध्यान केंद्रित करता है। किशोरों को पर्यावरण की.

कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा. सौरभ सक्सेना ने बताया कि हमारी धरती व जनजीवन को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है लेकिन वर्तमान में इंसान खुद ही पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन हो गया है। हमारी छोटी छोटी गलतियो से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इन गलतियों पर नियंत्रण करके हम पर्यावरण संरक्षण कर सकते हैं और धरती पर मंडरा रहे खतरे को टाल सकते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस को मनाए जाने के पीछे उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुक करना है। किशोरों को पर्यावरण की.

आरबीएसके के डीआईईसी मैनेजर डा. सुखदेव पंकज ने बताया कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण प्रकृति को गहरा नुकसान पहुंच रहा है। खुद की कार या बाइक से ट्रैवल करने की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बस या मेट्रो से सफर करें. किशोर किशोरियों को जागरूक किया जाएगा।

किशोरों को पर्यावरण की जैव विविधता को बनाए रखना जरूरी

जैव विविधता के लिए विलुप्त होने वाले जीव जंतुओं का संरक्षण करना जरूरी है। लोगों को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सचेत करना होगा। हवा में मौजूद प्रदूषण के महीन कण सांस लेने के दौरान फेफड़ों में जाकर इसे बुरी तरह प्रभावित करते हैं और इससे दमा और सांस लेने में दिक्कत जैसी बीमारियां उत्पन्न होती है।

पॉलीथिन और प्लास्टिक पर्यावरण के लिए घातक

पर्यावरण के लिए पॉलीथिन सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। पॉलीथिन दबाने से जमीन में विघटित नहीं होती,इससे जमीन बंजर हो जाती है,इसलिए पॉलिथीन का उपयोग बंद कर दें। पॉलीथिन की जगह, पेपर या कपड़े के बैग का इस्तेमाल करें। वही, प्लास्टिक को जलाने से वायुमंडल प्रदूषित होता है। अधिकतर घरों में प्लास्टिक के सामान, बोतल और प्लास्टिक के डिस्पोजेबल प्लेट आदि का इस्तेमाल होता है। ये डिस्पोजेबल आइटम पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं।

प्लास्टिक और डिस्पोजल प्लेट की जगह स्टील या चीनी मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजमर्रा की कुछ बुरी आदतों के जरिए पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। पिछले कुछ सालों में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ रहा है।


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