eyes are everything – आंख शरीर का बहुत ही नाजुक अंग होता है, इनकी देखभाल हमें नियमित रूप से करना चाहिए, क्योंकि आंखों की देखभाल सही तरह से नहीं की गई, तो जीवन में अंधेरा छा सकता है. आंख में अगर मामूली चोट आ जाये या फिर संक्रमण की चपेट में आ जाये तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है. इसलिए हमें आंखों के मामलों में सतर्क रहना बेहद जरूरी है.
आंखें ही जीवन का प्रकाश
eyes are everything – जो व्यक्ति लंबे समय तक टैलीविजन, कंप्यूटर, मोबाइल, लेजर किरणें आदि का उपयोग करते हैं, तो इन का दुष्प्रभाव आंखों पर पड़ता है. इसी प्रकार तेज रोशनी वाले हाईलोजन, बल्ब, बारबार जलने बुझने वाली रोशनियां भी हमारी आंखों पर बुरा असर डालती हैं. लोहे की बैल्ंिडग से निकली नीली रोशनी आंख के परदे को बहुत नुकसान पहुंचाती है. जीवनकाल में आंखें इंसान की सब से बड़ी जरूरत होती हैं. इन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आंखों में होने वाली बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी हमें होनी चाहिए.
बदलते मौसम में आंखों में होने वाली बीमारियां
eyes are everything – वह कहावत सही है कि आंखें हैं तो सबकुछ है. मौसम परिवर्तन के साथ होने वाले बदलावों का आंखों पर गहरा असर पड़ता है. गर्मी के मौसम में धूप और धूल से आंखों में संक्रमण हो जाता है. यह प्रदूषण और धूप से आंखों में आने वाले बैक्टीरिया के कारण होता है. बरसात में फंगल इन्फैक्शन ज्यादा होता है. इस में आंखें लाल हो जाती हैं, चिपकने लगती हैं. सर्दी का आंखों पर कम प्रभाव पड़ता है.
eyes are everything – आंखों के बचाव के उपाय
गर्मियों के मौसम में आंखों पर प्राकृतिक सूर्य के तेज का बहुत असर पड़ता है, जब भी हम बाहर से वापस आयें सर्व प्रथम आंखों को धोयें, और बार-बार पानी का किंचन आंखों मंे डालें ताकि धूप से जो आंखों में सूखापन होता है उसमें नमी बन जाती है और आंखें का कूड़ा कचड़ा भी साफ हो जाता है, यह आंखों का प्रमुख बचाव है.
बारिश के मौसम में आंखों का बचाव
अब समझ लें कि 20 जून के बाद बारिश के मौसम लग ही गया है, अब हर एक या दो दिनों में बारिश होती रहती है, ऐसे में हम अपने काम से आफिस या बाजार में किसी सामान की खरीददारी करने के लिये जाते हैं, अक्सर बरसात में भीख भी जाते हैं ऐसे में जब हम घर वापिस लौटते हैं तो हमारी आंखें लाल हो जाती है, ऐसी स्थिति में हमें अपनी आंखों को लाल होने और सुरक्षित रखने के लिये सूखे कपड़े से 10 से 15 बार फूंक लगाना चाहिये, इससे आंखें फिर से सामान्य हो जाती हैं.
आंखों की सुरक्षा के लिए यह बरतें सावधानियां
हमें अपनी आंखों को चोटों से बचाना जरूरी है. जब हमारी आंख में गंभीर चोट लगती है तो हमारी दूसरी आंख भी प्रभावित हो जाती है. लोगों के अंधे होने का एक बड़ा कारण असावधानियों या दुर्घटनावश आंखों में चोट लगना भी है. चोटें कई बार कार्य करते वक्त, खेलने के दौरान, पटाखे चलाने में व अन्य दुर्घटनाओं में लग जाती हैं.
आंख में कचरा, कीट जाने पर न रगड़ें
जैसा कि अक्सर देखा गया है कि जब हम बाइक से कहीं जा रहे हों तो आंख में अचानक कचरा व कीट चला जाता है, तो ऐसे में हम उस कचरा व कीट को आसानी से सावधानीपूर्वक निकालें, अगर हम अपनी आंख में जोर जोर से रगड़न करंेगे तो आंख के कॉर्नर में खरोच आ सकती है जो बहुत ही नुकसानदायक है, इसलिए ऐसा बिल्कुल न करें.
आंखों में चोट लग जाए, इसके उपाय
- आंख में चोट लग जाने पर हम तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ या जो भी अच्छा चिकित्सक उपलब्ध हो, उसे दिखलाएं.
- यदि आंख में रसायन या अम्ल पड़ गया हो तो आंख को पानी से तुरंत धोएं.
- आंख पर न दबाव दें न उसे मलें. पट्टी कस कर न बांधें.
- आंख में पड़ा कचरा, कूड़ा या तिनका यदि पानी से आंख धोने पर भी न निकले तो तुरंत नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखलाएं.
आंखों की करें सफाई
- हमें दिन में 2-3 बार ठंडे पानी से आंखों को धोना चाहिए या हलके छींटे मारें फिर उन्हें साफ कपड़े से पोंछें.
- आंखों को गंदे हाथों से न छुएं.
- आंखों को तेज धूप, धुएं व वैल्ंिडग की किरणों से बचाएं. इस के लिए गहरे रंग के चश्मे का प्रयोग किया जा सकता है.
- लगातार टैलीविजन देखना या कंप्यूटर पर कार्य करना नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए बीचबीच में आंखों को आराम दें.
- लेजर बीम वाले उपकरणों के प्रयोग में सावधानी रखें.
- पूरी नींद लें. इस से आंखें स्वस्थ रहेंगी.
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