April 19, 2024
Govind Sagar Dam Lalitpur

Govind Sagar Dam Lalitpur: पानी रे पानी तेरा रंग कैसा! ऑटोमेटिक साइफन प्रणाली से बने गोविन्द सागर बांध में बरसात के मौसम में पानी से खुले गेटों का अदभुद मनमोहक नजारा, जानें कहां हैं साइफन तकनीकि वाला गोविन्द सागर बांध

Govind Sagar Dam Lalitpur: हमारे भारत जैसे सांस्कृतिक देश में चार मौसम होते हैं। जिसमें गर्मियों का मौसम, बरसात का मौसम, ठण्ड का मौसम एवं बसंत का मौसम। इन प्राकृतिक मौसमों का आनंद हर भारतवासी बहुत ही अच्छे तरीके से लेता है।  आपको बता दें कि वर्तमान समय बरसात के मौसम में समय चल रहा है। ऐसे में सम्पूर्ण भारत में अच्छी खासी बारिश हो रही है। हर जगह हरियाली छायी हुई है, बरसात के मौसम में प्राकृतिक नजारा कुछ अलग ही दिखाई देता है। अच्छा अब हम मूल बात पर आते हैं, जिसके बारे में आज हम आपको बता रहे हैं। वैसे तो बरसात के मौसम में सभी नदी नाले बांध उफना जाते हैं। हम हम एक अंग्रेजों के जमाने के बनाए बांध के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस बांध के बारे में।

गोविन्द सागर बांध में साइफन तकनीकि- फोटो गूगल
गोविन्द सागर बांध में साइफन तकनीकि- फोटो गूगल

Govind Sagar Dam Lalitpur: अंग्रेजों द्वारा बनाया गया ऑटोमेटिक साइफन बांध कहां है

आज हम एक ऐसे बांध के बारे में बात कर रहे हैं जो अंग्रेजों के समय बनाया गया था। यह बांध बहुत ही अदभुत और ऑटोमेटिक प्रणाली वाला बांध हैै। तो दोस्तो आपको बता दें कि इस बांध का नाम गोविन्द सागर बांध है। यह गोविन्द सागर बांध कहां है तो आपको बता दें कि यह बांध उत्तर प्रदेश के जनपद ललितपुर में स्थित है। इस बांध की विशेषता के बारे में आपको बता दें तो दोस्तो इस बांध में अंग्रेजों ने ऑटोमेटिक साइफन प्रणाली रखी है अच्छा यह ऑटोमेटिक साइफन प्रणाली क्या होती है, तो आपको बता दें कि यह ऑटोमेटिक साइफन प्रणाली वह तकनीकि होती है जब बांध का जल स्तर अत्यधिक बारिश के कारण बढ़ जाता है तो यह साइफन ऑटोमेटिक पकड़ जाते हैं और तीव्र गति से चलने के कारण यह बांध का अधिक पानी निकाल देते हैं।

Govind Sagar Dam Lalitpur: साइफन जब चलते हैं इस बांध में तो वह नजारा अदभुत मनमोहक होता है

आपको बता दें कि दोस्तो जब बरसात के मौसम में बांध में अत्यधिक पानी भर जाता है तो ऐसे में बांध के खतरे से निपटने के लिए ऑटोमेटिक साइफन चल जाते हैं और बांध का वॉटर लेविल पानी को निकालकर कम कर दिया जाता है। अच्छा अब हम बात कर रहे हैं बांध के साइफन चलने के अदभुत नजारे की तो दोस्तो जब कभी ऐसी स्थिति आती है और अत्यधिक बारिश होती है तो बांध के साइफन चल जाते हैं और जहां से पानी की निकासी होती है वहां का नजारा कुछ अदभुद मनमोहक होता है। जिसे देखकर मन बहुत प्रसन्न होता है।

कैसे पहुंचे इस बांध को देखने

आखिर साइफन प्रणाली वाले गोविन्द सागर बांध का अदभुत नजारा देखने के लिए कैसे पहुंचा जाये, तो आप इस बांध को देखने के लिए रेलगाड़ी मार्ग से भी आ सकते, एवं वायुमार्ग से भी आ सकते हैं। आपको बता दें कि ललितपुर रेलवे स्टेशन दिल्ली एवं मुंबई मार्ग को जोड़ती है। तो आप यहां आसानी से रेलगाड़ी एवं वायु मार्ग से आ सकते हैं। वायु मार्ग से आने के लिए आपको नजदीकी भोपाल ऐयरपोर्ट पर उतरना होगा इसके बाद टेªन के माध्यम से आप ललितपुर आ जायेंगे।

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