Jagdeep Dhankhar: देश के राष्ट्रपति एवं उप राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने वाला है। ऐसे में देश में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। एनडीए सरकार एवं यूपीए सरकार ने राष्ट्रपति पद के नामों की तो घोषणा कर दी है। दोनों दलों ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। अभी तक उपराष्ट्रपति के पदों के लिए एनडीए व यूपीए ने अपने प्रत्याशियांे के नाम घोषित नहीं किए थे, लेकिन आज 16 जुलाई 2022 को एनडीए ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ के नाम पर मुहर लगा दी है। जबकि यूपीए ने अभी तक उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम की अभी तक घोषणा नहीं की है।
जानकारी के मुताबिक बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में यह फैसला लिया गया. इसमें पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत अन्य लोग भी शामिल थे. बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कांफ्रेंस कर ये जानकारी दी. उन्होंने जगदीप धनखड़ को किसान पुत्र कहकर संबोधित किया। तो आइए जानते हैं कि आखिर जगदीप धनखड़ कौन हैं।
जगदीप धनखड़ का 1951 में हुआ था जन्म
Jagdeep Dhankhar: एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को हुआ था. उनके पिता चौधरी गोकुलचंद धनखड़ खेती बाड़ी करते थे. वह इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन पेरिस के सदस्य भी रह चुके हैं. वह राजस्थान की सियासत का एक वक्त का चर्चित चेहरा रह चुके हैं. वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं।
Jagdeep Dhankhar: 1989 में जनता दल से बने थे सांसद
बता दें कि जगदीप धनखड़ की शुरुआती पढ़ाई किठाना गांव के सरकारी माध्यमिक विद्यालय से हुई थी. उन्होंने जयपुर के महाराजा कॉलेज से फिजिक्स में स्नातक किया है. इसके बाद 1978-79 में उन्होंने वकालत की डिग्री की हासिल की। जगदीप धनखड़ मूलरूप से झुंझुनूं के किठाना गांव के रहने वाले हैं. धनखड़ का चयन आईआईटी, एनडीए व आईएएस के लिए हुआ, लेकिन उन्होंने वकालात को चुना. 1989 में जनता दल से सांसद का चुनाव लड़ा, रिकॉर्ड वोटों से जीते.
राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में रही विशेष भूमिका
आपको बता दें कि धनखड़ खुद राजस्थान की जाट बिरादरी से आते हैं. राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में भी उनकी विशेष भूमिका रही है. इस समुदाय में धनखड़ की अच्छी खासी साख है. धनखड़ झुंझुनूं से 1989 से 91 तक जनता दल से सांसद रहे. हालांकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. अजमेर से कांग्रेस टिकट पर वे लोकसभा चुनाव हार गए थे. फिर धनखड़ 2003 में बीजेपी में शामिल हो गए, अजमेर के किशनगढ़ से विधायक चुने गए।
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