Kargil War: india ने Pakistan के विरूद्ध 1999 Kargil War में कैसे जीती हारी हुई बाजी?

Kargil War: हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमेशा से ही पीठ पीछे वार करता चला आया है। वह दिन कौन भूल सकता है जब 25 साल पहले कारगिल की पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई हुई थी. इस लड़ाई की शुरुआत तब हुई थी जब पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल की ऊँची पहाड़ियों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे. 8 मई, 1999. पाकिस्तान की 6 नॉरदर्न लाइट इंफैंट्री के कैप्टेन इफ्तेखार और लांस हवलदार अब्दुल हकीम 12 सैनिकों के साथ कारगिल की आजम चौकी पर बैठे हुए थे.

उन्होंने देखा कि कुछ भारतीय चरवाहे कुछ दूरी पर अपने मवेशियों को चरा रहे थे. पाकिस्तानी सैनिकों ने आपस में सलाह की कि क्या इन चरवाहों को बंदी बना लिया जाए? किसी ने कहा कि अगर उन्हें बंदी बनाया जाता है, तो वो उनका राशन खा जाएंगे जो कि खुद उनके लिए भी काफी नहीं है. उन्हें वापस जाने दिया गया. करीब डेढ़ घंटे बाद ये चरवाहे भारतीय सेना के 6-7 जवानों के साथ वहाँ वापस लौटे.

भारतीय सैनिकों ने अपनी दूरबीनों से इलाके का मुआयना किया और वापस चले गए. करीब 2 बजे वहाँ एक लामा हेलिकॉप्टर उड़ता हुआ आया. इतना नीचे कि कैप्टेन इफ्तेखार को पायलट का बैज तक साफ दिखाई दे रहा था. ये पहला मौका था जब भारतीय सैनिकों को भनक पड़ी कि बहुत सारे पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल की पहाड़ियों की ऊँचाइयों पर कब्जा जमा लिया है.

Kargil War: कैसे जीती भारतीय सैनिकों ने करगिल जंग?

भारतीय सैनिक एक ऐसी आत्मविश्वास वाले हैं, जिन्होंने जब-जब चाहे वह पाकिस्तान और चीन के विरूद्ध युद्ध हुआ हो, देश की आन-बान का ध्यान रखते हुये अपनी जान तो रणभूमि में गवा दी लेकिन उन्होंने देश को हारने नहीं दिया। इसी प्रकार करगिल में जब पाकिस्तान ने धोखे से चोटियों पर कब्जा जमाया इसकी भनक होते ही भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के सैनिकों को मुहतोड़ जबाव देकर खदेड़ दिया था और भारत ने एक बार फिर यह युद्ध जीता था।

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