Maharashtra Political Crisis: देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे पक्ष और बागी गुट के सेनापति एकनाथ शिंदे गुट के बीच अब और भी तनातनी बढ़ गई है, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को नोटिस जारी किया है।
आपको बता दें कि शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) एवं 15 अन्य बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोग्यता नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुये महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर (Maharashtra Deputy Speaker), महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के सचिव, केन्द्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना नेता सुनील प्रभु, अजय चौधरी को भी नोटिस जारी कर पांच दिवसों के अंदर जवाब देने को कहा है।
Maharashtra Political Crisis: सुप्रीम कोर्ट से शिंदे गुट को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अब महाराष्ट्र के सियासी मामले को लेकर अब अगली सुनवाई 11 जुलाई 2022 को होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर की तरफ से विधायकों को जवाब देने के लिए दिया गया समय 11 जुलाई को शाम 5.30 तक के लिए बढ़ा दिया है. कोर्ट में बागी एकनाथ शिंदे गुट के वकील नीरज कौल ने दलील रखते हुए बताया कि स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो उन्हें विधायकों की अयोग्यता पर विचार नहीं करना चाहिए.
जस्टिस ने पूंछा कि स्पीकर फ्लोर टेस्ट से क्यों डर रहे?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए तो शिंदे के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि कानून हमें सुप्रीम कोर्ट आने से नहीं रोकता. पहले भी ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग अल्पमत में हैं, उन्होंने व्यवस्था पर कब्जा किये हुये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगातार जान की धमकी दी जा रही है. शिवसेना नेताओं द्वारा कहा जा रहा कि हमारी लाश लौटेंगी, ऐसी बातें उनके द्वारा कही जा रही हैं. जिस स्पीकर को बहुमत का समर्थन हो, वह फ्लोर टेस्ट से क्यों डरेगा?
शिवसेना के अनुरोध पर डिप्टी स्पीकर ने जारी किया था नोटिस
उनके द्वारा बताया गया कि शिवसेना (Shiv Sena) के अनुरोध पर डिप्टी स्पीकर ने शिंदे (Eknath Shinde) और अन्य 15 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था और 27 जून 2022 की शाम तक जवाब दाखिल करने को कहा था. शिवसेना ने 16 बागी विधायकों को निलंबित करने का डिप्टी स्पीकर से अनुरोध किया था. इस नोटिस को लेकर एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था.
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