Maharishi Dayanand Saraswati: ललितपुर। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी जिला ललितपुर के तत्वावधान में वैदिक धर्म के सही मर्म से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा पिछले एक वर्ष से आयोजित आर्यों के महाकुंभ व्याख्यान माला में ब्राह्मण कैसे बनें? विषय पर आचार्य अंकित प्रभाकर अजमेर परोपकारिणी सभा ने कहा कि मानव समाज में ब्राह्मण का स्थान सर्वोपरि माना हैं क्योंकि ब्राह्मण समूची मानव जाति का हित संपादन करने में अग्रसर रहता हैं।
Maharishi Dayanand Saraswati: परिवर्तन उसके गुण कर्मानुसार होता हैं
Maharishi Dayanand Saraswati: अब व्यक्ति के गुण कर्म कैसे हो जिससे वह ब्राह्मण पद प्राप्त कर सके। सामवेद अध्याय 5,17,1 में कहा है वर्ण की प्राप्ति आचार्य कुल में तथा परिवर्तन उसके गुण कर्मानुसार होता हैं। अर्थात ब्राह्मण जन्म से नही कर्मो से होता हैं। महर्षि दयानन्द जी मनु स्मृति 2,28 के भाष्य में लिखते हैं जो सकल विद्या पढ़ने पढ़ाने, ब्रह्मचर्य, सत्य भाषण आदि नियम पालने, अग्निहोत्र आदि होम करने, सत्य के ग्रहण, असत्य के त्याग और सब विधाओं का दान देने,वेद के अनुसार ज्ञान, कर्म और उपासना,पाक्षिक यज्ञ करने, श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने, तथा पंच महा यज्ञों के करने से वा शिल्प विद्या विज्ञान आदि की शिक्षा से इस शरीर को, ब्राह्मी अर्थात वेद और परमेश्वर की भक्ति का आधार रूप ब्राह्मण का शरीर बनता हैं।
स्वयं वेद मार्ग पर चलें और दूसरों को चलने की प्रेरणा दें
इतने साधनों के बिना ब्राह्मण शरीर नही बन सकता। हम सब उपरोक्त गुणों को धारण करके स्वयं वेद मार्ग पर चलें और दूसरों को चलने की प्रेरणा दें तभी हमारा राष्ट्र संसार का सिरमौर हो सकता हैं। सारस्वत अतिथि पवन वर्मा एडवोकेट दिल्ली ने कहा कि श्रेष्ठ संस्कारों के बिना मानव जीवन सफल नही हैं। मुनि पुरुषोत्तम नारायण दुबे आर्य ने कहा कि ब्राह्मण जन्म से नही कर्म से होता हैं। व्याख्यान माला में अभिलाष चंद्र कटियार बैंक अधिकारी, इंजीनियर संदीप तिवारी, अवधेश प्रताप सिंह बैंस, रामकिशोर निरंजन शिक्षक,
प्रो डॉक्टर व्यास नन्दन शास्त्री बिहार, आचार्य सुखवीर मुंबई, प्रो डॉ वेद प्रकाश शर्मा बरेली, आचार्य सुमित शास्त्री आर्यवन रोजड, चंद्रकांता आर्या, अनिल नरूला, प्रेम सचदेवा, सुमन लता सेन आर्य शिक्षिका, आराधना सिंह शिक्षिका, विमलेश सिंह, नवीन चंद्र आर्य उत्तराखंड, विवेक सिंह आर्य गाजीपुर, कृष्णा सोनी इंदौर, रामावतार लोधी दरौनी, सौरभ कुमार शर्मा एडवोकेट प्रयागराज, उम्रीला आर्या कानपुर, कमला हंस आदि जुड़ रहें हैं। संचालन संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य एवम आभार मुनि पुरुषोत्तम वानप्रथ ने जताया।
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