डीएम ने जनपदवासियों को लू एवं सूखा से बचाव के बताए गुर
जिलाधिकारी आलोक सिंह ने उ.प्र. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाईजरी के तहत जनपदवासियों को आंधी तूफान, बज्रपात, लू से बचाव के उपाय सूखा के प्रभाव को कम करने के उपायों को अपनाने की अपील करते हुए बताया है कि लू का प्रकोप एवं गर्म हवा से जन-हानि भी हो सकती है।
इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए कड़ी धूप में बाहर ना निकलें, खासकर दोपहर 12ः00 बजे से 3ः00 बजे तक के बीच में जितनी बार हो सके पानी पिये, प्यास लगे तो भी पानी पिये, हल्के रंग के ढीले ढीले सूती कपड़े पहने। धूप से बचने के लिए गमछा टोपी, छाता, धूप का चश्मा जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें।
सफर में अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें. यह शरीर को निर्जलित कर सकते है। अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे सिर और गर्दन पर रखें। अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें। घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम का पना इत्यादि का सेवन करें।
जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें। अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कियां खुली रखें। फैन, ढीले कपड़े का उपयोग करें। ठंडे पानी से बार बार नहाए। इसके अलावा धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़े। खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थ शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचे, उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें।
बासी भोजन न करें, खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम, पन्नी इत्यादि से ढक कर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएँ आती है. काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहे। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।
बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला ना छोड़े। जहाँ तक संभव हो घर में ही रहे तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें, सूर्य के ताप से बचने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहे। संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें। घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें। लू से बचाव के उपाय
सूखा से बचाव
जिलाधिकारी आलोक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि सूचना पड़ने की स्थिति में जनपदवासी बरसात के मौसम के पहले जल निकायों जैसे-हैण्डपंप, कुआं, चौकडैम, तालाब, पोखरों का निर्माण करें, भूजल के स्तर को बढ़ाने के लिए बारिश के पानी का संग्रहण करें, कम पानी में उगने वाली फसलों का उत्पादन करें, वर्षा का जल संचयन व खेतों की नमी बनाए रखने के लिए खेतों पर मेड़बंदी करें, फसल की सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर विधि का प्रयोग करें।
पानी की बचत करें तथा इसे बर्बाद होने से रोकें, पाइपलाइन, टंकी एवं नल की नियमित जांच करें, पानी का रिसाव पाये जाने पर उसे तुरंत ठीक करायें, ऐसे शौचालयों का निर्माण करें, जिनमें कम पानी की आवश्यकता होती है तथा अधिक से अधिक पेड़ लगायें। उन्होंने यह भी बताया कि अधिक पानी की जरुरत वाली फसलों का उत्पादन न करें, पारंपरिक जल स्रोतों जैसे-कुआं, पोखरा, तालाब, झील इत्यादि का पानी गंदा न करें, पेड़ एवं जगल को न काटें तथा गाड़ी, कार इत्यादि को धोने के लिए पाइप का प्रयोग न करें। लू से बचाव के उपाय
लू प्रकोप एवं गर्म हवा- लू से जन हानि भी हो सकती है। इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए निम्न सावधानियां बरतें-
- कड़ी धूप में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12ः00 बजे से 3ः00 बजे तक के बीच में।
- जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें।
- हल्के रंग के ढीले-ढीले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूपका चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें।
- सफर में अपने साथ पानी रखें।
- शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें, यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं।
- अगर आपका काम बाहर का है तो, टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें।
- अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डाक्टर से सम्पर्क करें।
- घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छांछ, आम का पना इत्यादि का सेवन करें।
- जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें।
- अपने घर को ठंड़ा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कियां खुली रखें।
- फेन, ढीले कपड़े का उपयोग करें। ठंड़े पानी से बार-बार नहाएं।
क्या करें, क्या न करें
- धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें।
- खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुलें रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे।
- नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें।
- उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें।
- खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके।
- उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैं, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए।
- स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।
- आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।
- बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला ना छोड़ें।
- जहां तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें।
- सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें।
- संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें।
- घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें।
लू के यह लक्षण
- सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्याधिक पसीना एवं बेहोशी आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में एंेठन, नब्ज असामान्य होना।
क्या न करें
- धूप में खाली पेट न निकलें, पानी हमेशा साथ में रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें।
- मिर्च मसाले युक्त एवं बासी भोजन न करें।
- बुखार आने पर ठंडे पानी की पटिटयां रखें।
- कूलर या एयर कंडीशन से धूप में एकदम न निकलें।
- धूप में अधिक न निकलें।
ध्यान रखें लू के लक्षण हो तो
- व्यक्ति को छायादार जगह पर लिटायें।
- व्यक्ति के पकड़े ढीले करें।
- उसे पेय पदार्थ कच्चे आम का पना आदि पिलायें।
- तापमान घटाने के लिये ठंडे पानी की पटिटयां रखें।
- प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाकर चिकित्सीय परामर्श लें।
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