भारत के इस राज्य के लोगों को नहीं देना पड़ता है टैक्स, चाहे कमाई 12 लाख हो या फिर 12 करोड़, जानिए Income Tax

Income Tax : इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले हर भारतीय नागरिक को टैक्स का भुगतान करना होता है। देश में इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम (Income Tax Rule) भी बनाए गए हैं। इन नियमों के मुताबिक अगर आपकी सालाना कमाई 12 लाख रुपये से कम है तो आपको टैक्स नहीं चुकाना पड़ता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत एक एक ऐसा भी राज्य है जहां पर रहने वाले लोगों की वार्षिक इनकम चाहे 12 करोड़ रुपये हो तो भी उन्हें एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ता। चलिए नीचे खबर में जानते हैं।

भारत देश के हर नागरिक को इनकम टैक्स और कई प्रकार के अलग अलग टैक्स भरने पड़ते हैं। सरकार ने देश में इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम बना रखे हैं, जिनके अनुसार टैक्स का भुगतान करना होता है। फरवरी 2025 में देश के आम बजट (Budget 2025) में सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने 7 लाख रुपये सालाना टैक्स फ्री इनकम की लिमिट (Income Tax) को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब वार्षिक 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को एक रुपया भी टैक्स नहीं चुकाना होगा।

Income Tax :  इसके पीछे एक खास वजह है

लेकिन यदि इनकम (income tax news) इससे ज्यादा हो तो टैक्स अदा करना पड़ेगा। ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि देश में कोई ऐसा राज्य या शहर नहीं है जहां किसी को भी टैक्स ना भरना पड़े। बता दें कि देशा में एक ऐसा राज्य भी है जहां के निवासियों को 12 लाख क्या, साल की कमाई 12 करोड़ है तो भी एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ता। चलिए जानते हैं. इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है लेकिन यह सच है। दरअसल, देश में सिक्किम एक ऐसा राज्य है जहां के नागरिकों को कोई टैक्स नहीं देना होता है।

Income Tax : क्यों नहीं देना पड़ता सिक्किम के निवासियों को टैक्स?

सिक्किम (income tax in sikkim) को 1975 में इस शर्त पर भारत में विलय किया गया था कि इसके पुराने कानून और विशेष दर्जा बरकरार रहेगा. इस पूर्वोत्तर राज्य ने अपने स्वयं के सिक्किम आयकर मैनुअल 1948 का पालन किया, जो 1975 से कर कानूनों को नियंत्रित करता है. इस नियम के तहत, सिक्किम (income tax provision in sikkim) के किसी भी निवासी को भारत सरकार को टैक्स नहीं देना होता है.

किस कानून के तहत नहीं देना पड़ता एक रुपया भी टैक्स

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2008 में सिक्किम के कर कानून (Sikkim Income Tax Rules) निरस्त कर दिए गए। उस वर्ष केंद्रीय बजट में धारा 10 (26AAA) डालकर राज्य के निवासियों को टैक्स से छूट दी गई। इस अधिनियम में एक धारा सिक्किम को दिए गए विशेष दर्जे की रक्षा करती है और अनुच्छेद 371 (एफ) के मुताबिक ‘सिक्किमियों’ को शामिल किया गया।

इस अधिनियम की एक धारा सिक्किम (Sikkim Income Tax Rules) राज्य के निवासियों को दिए गए विशेष दर्जे की रक्षा करती है। अनुच्छेद 371 (एफ) के अनुसार सिक्किमियों को शामिल किया गया। केंद्र सरकार 2008 में सिक्किम के 94 प्रतिशत से अधिक नागरिकों को कर में छूट दी गई है। वहीं, धारा 10 (26AAA) के तहत, सिक्किम के नागरिकों को शेयर पर डिविडेंड या रिटर्न के रूप में अर्जित आय पर भी छूट मिली हुई है।

देश के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने कहा था कि धारा 10 (26AAA) के अनुसार मौजूदा टैक्स छूट का फायदा सिक्किम की सभी नागरिकों का मिलेगा। इसमें वह सभी लोग भी हैं जो भारत में सिक्किम के विलय से पहले ही यहां आकर स्थायी रूप से रहने लगे थे। भारत देश में सिक्किम (Tax Free State) ही एक ऐसा राज्य है, जहां पर रहने वाले लोगों को अपनी कमाई पर एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ता।

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