शाकाहार दिवस के रूप में मना साधु टीएल वासवानी का जन्मदिन
ललितपुर। शाकाहार के पुरोधा साधु टीएल वासवानी की 142 वीं जन्म जयंती के अवसर पर करुणा इंटरनेशनल केंद्र ललितपुर ने उनका जन्म दिवस शाकाहार दिवस के रुप में मनाया। वहीं विद्यालयों में उनके जन्म दिवस के मौके पर बच्चों ने जीवन में शाकाहार अपनाने की शपथ भी ली। बताते चलें साधु टी एल वासवानी ने शाकाहार के प्रचार-प्रसार के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया था। उनका जन्म दिवस शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है।करूणा इंटरनेशनल केंद्र ललितपुर की वर्चुअल गोष्ठी में साधु टी एल वासवानी को शाकाहार का पुरोधा बताया। करूणा केंद्र ललितपुर के अध्यक्ष अक्षय अलया ने कहा कि साधु टीएल वासवानी के जीवन से हमें प्रेरणा लेना चाहिए कि उनके जीवन का प्रत्येक क्षण जीव-जंतुओं एवं शाकाहार के प्रति समर्पित रहा।उनका कहना था कि प्रकृति के प्रत्येक प्राणी में जीवन है। हमें संसार के समस्त जीवों से प्रेम करना चाहिए।महामंत्री ध्रुव साहू ने कहा कि प्रकृति ने भी जहाँ मानव के आहार के लिए अनेक वनस्पति व स्वादिष्ट पदार्थ उत्पन्न किए हैं। वहीं उसकी सेवा व सहायता के लिए विभिन्न पशु-पक्षियों की सृष्टि की।वे पशु- पक्षी जो एक ओर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं तो दूसरी ओर मानव भी तनिक सी दया, प्रेम पाकर उसके मनुष्यों से भी अधिक स्वामी भक्त वफादार बनकर उसकी जी जान से सेवा करते हैं।फिर भी आज मानव दानव बनकर जीव हिंसा के लिए कदम बढा रहा है। जिसे आधुनिक युग में रोकना वेहद जरुरी है। जिससे प्रकृति का संरक्षण हो सके। संयोजक पुष्पेंद्र जैन ने कहा कि जीवों के प्रति अपार स्नेह रखने वाले साधु टी०एल० वासवानी का जन्म 25 नवंबर 1879 को हैदराबाद में हुआ था।इनका पूरा नाम थावरदास लीलाराम वासवानी था।वह बचपन से ही मेधावी रहे। संस्कृत व अंग्रेजी भाषा में उनकी गहरी पैठ थी। वह सभी जीव,पेड़-पौधे, मानव आदि में समान दर्शिता का भाव रखते थे।जीव हत्या पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया। ईश्वर की आराधना,ब्रह्मचर्य और त्याग का पालन करते हुए आजीवन सामाजिक कार्य के प्रति समर्पित रहे। शैलेष तिवारी ने कहा कि साधु टीएल वासवानी के जीवन और मिशन को आगे बढ़ाने के लिए मौजूद साधु वासवानी मिशन सालाना 25 नवंबर को वासवानी के जन्मदिन पर अंतर्राष्ट्रीय मांसहीन दिवस मनाता है।क्योंकि उन्होंने शाकाहारी जीवन के सार्वभौमिक अभ्यास की पुरजोर वकालत की थी। हरिशंकर सोनी ने कहा कि साधु टीएल वासवानी ने लोगों को जीवन में शाकाहार अपनाने की प्रेरणा दी थी। वर्तमान कोविड के समय में शाकाहार अपनाने की महती आवश्यकता है। क्योंकि शाकाहार ही सर्वोत्तम आहार है। शाकाहार को अपनाने पर ही हमारा मन व शरीर स्वस्थ रहता है। शाकाहारी प्राणु सदा सुखी रहता है। उधर सिविल लाइन स्थित स्याद्वाद बाल संस्कार केंद्र जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाचार्य केपी पांडे ने साधु टीएल वासवानी के जन्म दिवस के अवसर पर बच्चों को शाकाहार अपनाने की शपथ दिलाई।उन्होंने बच्चों से कहा कि शाकाहारी जीवन शैली अपनाकर हम सुखी जीवन व्यतीत कर सकते हैं। कहा भी गया है। सुखी जीवन का आधार शाकाहार। इस दौरान प्रधानाचार्य सीमा जैन,नेहा जैन, नेहा बुन्देला,मेघा जैन,कमलेश, पुनीत, अभय,रवि,अंशिका,नीतू,निक्की,काजल, प्रशांत यादव,शिवम् यादव,सनि बुनकर ,दीपक कुशवाहा, सतीश कुशवाहा,मौजूद रहे।