PM Kisan Yojana Update: देश के किसानों के लिए केंद्र सरकार लगातार ऐसी योजनाएं चला रही है, जिनका सीधा लाभ आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे किसानों तक पहुंचे। इन्हीं योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सबसे अहम मानी जाती है, जिसके तहत पात्र किसानों को हर साल आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन अब सरकार ने साफ संकेत दे दिए हैं कि आगे चलकर इन योजनाओं का लाभ पाने के लिए किसानों को कुछ नई शर्तें पूरी करनी होंगी।
सरकार खेती से जुड़ी योजनाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए Agri Stack परियोजना पर काम कर रही है। इस परियोजना के तहत किसानों की एक डिजिटल पहचान तैयार की जा रही है, जिसे Farmer ID नाम दिया गया है। सरकार का मानना है कि जब तक किसान की डिजिटल पहचान नहीं होगी, तब तक योजनाओं का सही लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचाना मुश्किल रहेगा। इसी वजह से अब कई कृषि योजनाओं को Farmer ID से जोड़ा जा रहा है।
Farmer ID क्या होती है?
Farmer ID दरअसल किसान की एक डिजिटल प्रोफाइल होती है, जिसमें उसकी खेती से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां दर्ज रहती हैं। इसमें किसान की जमीन का रिकॉर्ड, खेती का प्रकार, बोई जाने वाली फसलें, खाद और बीज का इस्तेमाल, पशुपालन की जानकारी और खेती से होने वाली अनुमानित आय जैसे विवरण शामिल होते हैं। इस पहचान के आधार पर सरकार तय करेगी कि कौन सा किसान किस योजना के लिए पात्र है।
आने वाले समय में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त भी Farmer ID से जोड़ी जाएगी। इससे फर्जी रजिस्ट्रेशन, गलत जानकारी और एक से ज्यादा बार लाभ लेने जैसी समस्याओं पर रोक लगेगी। साथ ही, वास्तविक और जरूरतमंद किसानों तक सहायता सीधे और समय पर पहुंच सकेगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि योजनाओं का पैसा बिचौलियों के बिना सीधे किसानों के खाते में पहुंचे।
Farmer ID बनाने की प्रक्रिया
Farmer ID बनवाने की प्रक्रिया को सरल रखा गया है। किसान अपने राज्य के Agri Stack या संबंधित पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। सबसे पहले आधार नंबर के जरिए पहचान सत्यापित करनी होती है। इसके बाद मोबाइल नंबर पर आने वाले ओटीपी से केवाईसी पूरी की जाती है।
लॉगिन करने के बाद किसान को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी भरनी होती है। इसमें खसरा नंबर, कुल रकबा और खेतों का विवरण शामिल रहता है। जिन किसानों के पास एक से अधिक खेत हैं, उन्हें सभी खेतों की जानकारी दर्ज करनी होती है, ताकि रिकॉर्ड पूरी तरह सही रहे।
वेरिफिकेशन और मंजूरी की प्रक्रिया
जमीन की जानकारी भरने के बाद संबंधित विभाग द्वारा सत्यापन किया जाता है। इसके साथ ही परिवार से जुड़ी जानकारी भी दर्ज करनी होती है, जैसे राशन कार्ड या फैमिली आईडी। अंतिम चरण में किसान की सहमति ली जाती है और डिजिटल तरीके से आवेदन को मंजूरी दी जाती है। सभी चरण पूरे होने के बाद Farmer ID जारी कर दी जाती है।
कई राज्यों में किसानों की सुविधा के लिए पंचायत स्तर पर कैंप भी लगाए जा रहे हैं, जहां किसान ऑफलाइन मदद लेकर अपनी Farmer ID बनवा सकते हैं। खासकर बुजुर्ग और तकनीकी जानकारी से दूर किसानों के लिए यह व्यवस्था काफी फायदेमंद साबित हो रही है।
किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे समय रहते अपनी Farmer ID बनवा लें। इससे न केवल पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त समय पर मिलेगी, बल्कि भविष्य में आने वाली अन्य कृषि योजनाओं का लाभ भी बिना किसी रुकावट के मिलता रहेगा। सरकार की यह पहल खेती को डिजिटल रूप से मजबूत करने और किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
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अर्जुन झा एक अनुभवी लेखक और डिजिटल पत्रकार हैं, जो राजनीति, सरकारी योजनाओं, शिक्षा और करियर से जुड़ी ख़बरों में गहरी रुचि रखते हैं। इनका उद्देश्य है लोगों तक सही, सटीक और समय पर जानकारी पहुँचाना। Len News के माध्यम से इन्होंने हज़ारों पाठकों को सरकारी अपडेट, योजना फॉर्म और रोजगार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई है।