PMAY-G Awaas+ 2025: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, जिसे PMAY-G के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना है। इसकी शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब, बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को पक्का, सुरक्षित और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है। यह योजना उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई, जिनके पास वर्षों से खुद का पक्का घर नहीं था और जो प्राकृतिक आपदाओं व असुरक्षित आवासों के कारण जोखिम भरा जीवन जी रहे थे।
योजना की समय-सीमा क्यों बढ़ाई गई
शुरुआत में सरकार ने लक्ष्य रखा था कि वर्ष 2024 तक सभी पात्र ग्रामीण परिवारों को पक्का घर उपलब्ध करा दिया जाएगा। लेकिन जमीनी स्तर पर सामने आई चुनौतियों, नए आवेदनों की संख्या और विस्तृत सर्वे प्रक्रिया के कारण सरकार ने इस योजना की समय-सीमा बढ़ा दी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार हर वास्तविक जरूरतमंद परिवार तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त समय और संसाधन लगाने को तैयार है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत लगभग 2.82 करोड़ पक्के घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि योजना ने ग्रामीण भारत में बड़े पैमाने पर सकारात्मक बदलाव किए हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने लगभग 32.9 लाख नए घरों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है, जिनमें से 25.6 लाख घरों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
PMAY-G के तहत कितनी आर्थिक सहायता मिलती है
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत पात्र परिवारों को घर निर्माण के लिए सीधी आर्थिक सहायता दी जाती है। सामान्य मैदानी क्षेत्रों में यह सहायता राशि लगभग 1.20 लाख रुपये होती है। वहीं, पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में यह राशि अधिक तय की जाती है, क्योंकि वहां निर्माण लागत ज्यादा होती है। यह पूरी राशि लाभार्थी के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
PMAY-G सिर्फ पक्का घर देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लाभार्थी परिवार को जरूरी बुनियादी सुविधाएं मिलें। योजना को स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना और बिजली-पानी से जुड़ी अन्य सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ा जाता है। इससे घर के साथ-साथ शौचालय, स्वच्छ पानी और बिजली जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।
Awaas+ सर्वे क्या है और क्यों शुरू किया गया
सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत एक नया डिजिटल सर्वे शुरू किया है, जिसे Awaas+ सर्वे कहा जाता है। यह सर्वे 1 जनवरी 2025 से लागू किया गया है। इसका उद्देश्य उन ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जो पहले किसी कारणवश योजना से बाहर रह गए थे या जिनका नाम पुराने सर्वे में शामिल नहीं हो पाया था। सरकार चाहती है कि कोई भी वास्तविक जरूरतमंद परिवार सिर्फ जानकारी की कमी या तकनीकी कारणों से योजना से वंचित न रहे।
Awaas+ सर्वे की डिजिटल प्रक्रिया
Awaas+ सर्वे को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है। इसमें सेल्फ-सर्वे और फील्ड वेरिफिकेशन दोनों की सुविधा दी गई है। पात्र परिवार Awaas+ मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए खुद भी अपनी जानकारी दर्ज कर सकते हैं। यह एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसे सरल भाषा में डिजाइन किया गया है, ताकि ग्रामीण लोग भी आसानी से इसका उपयोग कर सकें।
ई-केवाईसी क्यों है जरूरी
Awaas+ सर्वे में ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत आधार कार्ड के माध्यम से आवेदक की पहचान और पते का सत्यापन किया जाता है। यदि ई-केवाईसी पूरी नहीं होती है, तो आवेदन मान्य नहीं माना जाता। इससे फर्जी आवेदनों पर रोक लगती है और योजना का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचता है।Awaas+ सर्वे की प्रक्रिया को मुख्य रूप से चार चरणों में पूरा किया जाता है।
पहले चरण में आधार के माध्यम से पंजीकरण और ई-केवाईसी की जाती है। दूसरे चरण में परिवार से जुड़ी विस्तृत जानकारी ली जाती है, जैसे मकान की स्थिति, परिवार के सदस्यों की संख्या और सामाजिक वर्ग। तीसरे चरण में आवेदन को अंतिम रूप देकर सबमिट किया जाता है। चौथे चरण में ग्राम सभा और संबंधित विभाग द्वारा सत्यापन के बाद लाभार्थी सूची तैयार की जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पात्रता
PMAY-G का लाभ केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को दिया जाता है। परिवार के पास पहले से पक्का मकान नहीं होना चाहिए या वह पूरी तरह बेघर होना चाहिए। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवा महिलाएं, दिव्यांग व्यक्ति और छोटे किसान इस योजना में प्राथमिकता के पात्र होते हैं। जो परिवार पहले किसी सरकारी आवास योजना का लाभ ले चुके हैं, वे इसके लिए पात्र नहीं होते।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ने ग्रामीण समाज में गहरा सामाजिक और आर्थिक प्रभाव डाला है। पक्का घर मिलने से परिवारों को सुरक्षा और सम्मान का एहसास होता है। बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर माहौल बनता है और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में भी कमी आती है। इसके साथ ही घर निर्माण के दौरान स्थानीय मजदूरों और कारीगरों को रोजगार मिलता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
भविष्य की रणनीति और सरकार का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2029 तक देश का कोई भी पात्र ग्रामीण परिवार बिना पक्के घर के न रहे। इसके लिए Awaas+ जैसे डिजिटल सर्वे, डेटा अपडेट और तकनीक आधारित निगरानी पर जोर दिया जा रहा है। सरकार आने वाले समय में इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाने पर भी काम कर रही है।
ग्रामीण परिवारों के लिए संदेश
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और Awaas+ सर्वे ग्रामीण परिवारों के लिए एक सुनहरा अवसर हैं। जो परिवार अब तक किसी कारण से योजना से बाहर थे, उनके पास अब दोबारा मौका है कि वे सर्वे में शामिल होकर पक्के घर का सपना पूरा कर सकें। सही जानकारी, समय पर सर्वे और पात्रता पूरी होने पर यह योजना वास्तव में जीवन बदलने वाली साबित हो सकती है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना से जुड़ी पात्रता, राशि और प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकती है। आवेदन से पहले प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की आधिकारिक वेबसाइट या अपने ग्राम पंचायत कार्यालय से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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अर्जुन झा एक अनुभवी लेखक और डिजिटल पत्रकार हैं, जो राजनीति, सरकारी योजनाओं, शिक्षा और करियर से जुड़ी ख़बरों में गहरी रुचि रखते हैं। इनका उद्देश्य है लोगों तक सही, सटीक और समय पर जानकारी पहुँचाना। Len News के माध्यम से इन्होंने हज़ारों पाठकों को सरकारी अपडेट, योजना फॉर्म और रोजगार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई है।