पंचकल्याणक प्रतिष्ठा, विश्व शांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव की पत्रिका का हुआ विमोचन
ललितपुर। जनपद के बार विकासखंड में स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र क्षेत्रपाल बानपुर में आगामी 21 जनवरी 2022 से 27 जनवरी 2022 तक श्री मज्जिनेन्द्र शांतिनाथ चौबीसी तथा मानस्तम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा, विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव का आयोजन परम पूज्य मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज एवं मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज (ललितपुर नगर गौरव) के मंगल सान्निध्य में होने जा रहा है। महोत्सव की तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। कमेटी द्वारा समय-समय इस संबंध में बैठकें भी की जा रही हैं। उक्त आयोजन की आवश्यक एक पत्रिका का विमोचन धर्मप्राण नगरी परासिया में विराजमान मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज एवं मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज के मंगल सान्निध्य में नायक महेंद्र कुमार जैन अध्यक्ष दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बानपुर, इन्द्र कुमार सिंघई (उपमंत्री), सुमत कुमार जैन कुआगांव, प्रदीप मड़वैया, जय मड़वैया, श्रवण इन्द्रकुमार सिंघई, (सुप्रभ गुरु भक्त परिवार) बानपुर एवं समाज श्रेष्ठिजनों द्वारा संपन्न किया गया। अध्यक्ष नायक महेंद्र कुमार जैन बानपुर ने बताया कि महोत्सव के आयोजन की तैयारियां बानपुर जैन समाज ने शुरू कर दी हैं। आयोजन के प्रतिष्ठाचार्य देश के जाने-माने प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जयकुमार जी निशांत होंगे। ब्र. साकेत भैया का निर्देशन प्राप्त होगा। पंचकल्याणक महोत्सव का सम्पूर्ण कार्यक्रम वृहद स्तर पर महाराजा मर्दन सिंह क्रिकेट ग्राउंड बस स्टैंड बानपुर से आयोजित होगा। मीडिया प्रभारी डॉ. सुनील संचय ललितपुर ने बताया कि 21 जनवरी को गर्भकल्याणक पूर्व रूप, 22 जनवरी को गर्भकल्याणक उत्तर रूप, 23 को जन्म कल्याणक, 24 को चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा, 25 को तप कल्याणक, 26 को ज्ञान कल्याणक एवं 27 को मोक्ष कल्याणक विविध आयोजनों के साथ संपन्न होगा। बानपुर की शौर्यमयी माटी में संस्कृति, प्रकृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम है। बानपुर जैन धर्म का भी प्राचीन केंद्र रहा है जिसका इतिहास हमें पूर्व गुर्जर प्रतिहार काल तक ले जाता है। यह स्थान प्राचीन सहस्त्रकूट चौत्यालय, शांतिनाथ भगवन की 18 फीट उतुंग प्रतिमा और जैन पुरावशेष संग्रहालय के लिए जाना जाता है। ऐसी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक भूमि पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण है। जिनके सान्निध्य में बानपुर में उक्त आयोजन होने जा रहा ऐसे मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज ने पत्रिका के विमोचन के अवसर पर कहा कि जैनागमों में प्रत्येक तीर्थंकर के जीवनकाल में पाँच प्रसिद्ध घटनाओं-अवसरों का उल्लेख मिलता है। वे अवसर जगत के लिए अत्यंत कल्याणकारी होते हैं। अतः उनका स्मरण दर्शन भावों को जागृत करता है व सही दिशा में उन्हें मोड़ सकता है। भगवान के पाँच कल्याणक गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और मोक्ष को निमित्त बनाकर पंचकल्याणक महोत्सव मनाये जाते हैं। तीर्थंकरों के पंचकल्याणकों में शामिल होना सातिशय पुण्य के बन्ध का कारण बताया है।