प्रयोगशाला की उपयोगिता ओमिक्रोन वायरस के संक्रमण के मद्देनजर बढ़ी
ललितपुर। जनपद में ही आरटीपीसीआर जांच की सुविधा जल्द उपलब्ध हो सकेगी। जिला अस्पताल परिसर में प्रयोगशाला स्थापित की गई है। इसके संचालन के लिए नॉन मेडिकल साइंटिस्ट की तैनाती भी कर ली गई है। इस प्रयोगशाला की उपयोगिता ओमिक्रोन वायरस के संक्रमण के मद्देनजर बढ़ गई है। कोविड के लक्षणों का पता लगाने के लिए ट्रूनॉट, एंटीजन व आरटीपीसीआर की जांच का सहारा लिया जाता है। जिले में रोजाना लगभग दो हजार सैंपल जांच के लिए जाते हैं। मौजूदा समय में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा जिले में नहीं हैं, इस कारण सैंपल रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल झांसी में भेजे जाते है। ऐसे में आरटीपीसीआर की कई जांच रिपोर्ट समय से नहीं मिल पाती हैं, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। अब शासन द्वारा जनपद में प्रयोगशाला स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की है, जो अब मूर्त रूप ले रही है। इस समय कोविड के लक्षणों का पता लगाने के लिए रैन बसेरा, रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल महिला, पुरूष, के लिए दो मोबाइल टीमे गठित है। इसके अलावा सभी छह ब्लॉक में टीम सैंपल लेने का काम रही हें। कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रोन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इसे लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है। विभाग द्वारा जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। विदेशों से आने वाले यात्रियों के बारे में जानकारी रखी जा रही है। जिला अस्पताल पुरूष के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा॰ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सैंपल की जांच के लिए नॉन मेडिकल साइंटिस्ट की तैनाती की जा चुकी है व अन्य स्टाफ की भर्ती सेवा प्रदाता एजेंसी के चयन उपरांत की जाएगी। इसके अलावा उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है। वर्तमान में चिकित्सा विभाग के मौजूद कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
इन स्थानों पर लग रहे टीके
शहर में दस स्थानों पर कोविड टीकाकरण किया जा रहा है। इनमें रैन बसेरा, जिला अस्पताल, नगर पालिका इंटर कॉलेज, लिटिल फ्लॉवर नई बस्ती, जुगपुरा, नेहरू नगर, पिसनारी, घुसयाना, नारायनपुरा, कुशकुटी नदी पार शामिल हें। इसके अलावा हर ब्लॉक में 28 से 32 समूह काम कर रहे है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा राजेश भारती ने बताया कि टीकाकरण की गति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।