बच्चों के नैतिक विकास में रामायण का योगदान आवश्यक-आचार्य भवदेव

ललितपुर (महरौनी)। महर्षि दयानन्द सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित बाल्मीकि रामायण पर आधारित श्रीराम कथा के सातवें दिन श्रीराम कथा को संबोधित करते हुए वैदिक विद्वान भवदेव शास्त्री अजमेर के बताया कि आज लाखो वर्ष बाद भी राम हम सबके लिए प्रासंगिक हैं और राम ने अपने कार्यों से संपूर्ण मानव समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है। आज भरत जैसे भाई की आवश्यकता है, राम जैसे पुत्र की आवश्यकता है। हमारा परिवार कैसा हो यह हमें रामायण से शिक्षा मिलती है कि जब परिवार पर संकट आया तो चारों भाई एक हो जाते हैं और सारा परिवार मिलकर के संकट का सामना करता है। राम के वन जाने पर लक्ष्मण ने भी अपने बड़े भाई की सेवा में अपने आप को समर्पित कर कर दिया, लेकिन कई बार मंन्थरा जैसे लोग परिवार को तोड़ने का काम करते हैं। हमें मंन्थरा और शकुनि जैसे लोगों से बचकर के रहना चाहिए और अपने परिवार को ऐसे लोगों से बचाना चाहिए। गुरुकुल पौंधा देहरादून के आचार्य शिवदेव आर्य ने संचालन करते हुए कहा कि हम सभी को अपनी युवा पीढ़ी को वैदिक धर्म से परिचित कराना होगा तभी हम एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण कर पाएंगे। वेविनार को सफल बनाने में डॉ यतींद्र कटारिया राज्यपाल पुरुष्कृत शिक्षक मंडी धनौरा,मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ, रामसेवक निरंजन शिक्षक, ईश आर्य राज्य प्रभारी भारत स्वाभिमान ट्रस्ट हरियाणा, आचार्य राममेहर शास्त्री कुरुक्षेत्र, नीरज द्विवेदी आदि सैकड़ो वैदिक धर्मी जुड़ कर भगवान श्रीराम का पावन चरित्र घर घर पहुंचा रहें हैं। संचालन आचार्य शिवदेव आर्य गुरुकुल पौंधा देहरादून एवं आभार संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य मंत्री आर्य समाज महरौनी जिला ललितपुर ने जताया।

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