- रंग पंचमी के लिये पूरे देश में विख्यात है राखपंचमपुर मेला
ललितपुर। जनपद के विकास खण्ड जखौरा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम राखपंचमपुर में होली पर्व की पंचमी पर श्री श्री 1008 श्री सिद्ध बाबा मन्दिर पर भव्य मेला लगता है यहां का मेला बुन्देलखण्ड सहित आसपास के जिलों में प्रसिद्ध है मेला में हर साल लाखों श्रृद्धालु सिद्ध बाबा मन्दिर पर दर्शन करने को पहुंचते है और अपनी हाजिरी दर्ज कराते है यह मेला सिद्ध बाबा के चमत्कारों के लिये भी जाना जाता है सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) से फोड़ा, फुन्सी पर लगाने से ठीक हो जाती है और पवित्र भभूति (राख) को अपने शरीर पर लगाने से कई असाध्य रोग वाले मरीजों को आराम मिलता है। यह मेला 21 मार्च से 25 मार्च तक चलता है। होली की पंचमी पर लगने वाले राखपंचमपुर मेला की प्रसिद्धि निरन्तर बढ़ती ही जा रही है इसे वार्षिक कैलेण्डर में स्थान दिया जाता है। सिद्ध बाबा का मन्दिर आस्था का केन्द्र पूरे देश में बना हुआ है यहां फोड़ा और फुन्सी से लेकर लाइलाज बीमारी सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) लगाने से ठीक होती है, सिद्ध बाबा मन्दिर का चमत्कार ग्रामवासियों व बाहर से आये हुये श्रद्धालुओ के मुंह से सुने जा सकते है। लोगों का कहना है कि जब चिकित्सक उपचार करने से मनाही कर देते है तो सिद्ध बाबा ऐसे मरीजों की मदद करते है। राखपंचमपुर में लगने वाले मेला के दौरान यहां पास से निकली रेल पटरियों पर रंगपंचमी के दिन प्रत्येक ट्रेन को रोका जाता है मान्यता है कि एक बार रंगपंचमी के दिन एक ट्रेन दोपहर के समय यहां से गुजर रही थी जैसे ही सिद्ध बाबा मन्दिर के सामने गाड़ी का इंजन आया और वह बन्द हो गया जिससे ट्रेन खड़ी रही ट्रेन की गड़बड़ी की जांच करने के लिये झांसी से इंजिनियर बुलवाया गया इसके बावजूद भी इंजन ठीक नहीं हुआ तब किसी राहगीर ने बताया कि आज रंगपंचमी है और यहां पास में ही सिद्ध बाबा मन्दिर पर सिद्ध बाबा का मेला लगा हुआ है वहां तक जायेंगे तो शायद यह ठीक हो जाये और हुआ भी ऐसा ही जब ट्रेन का ड्राइवर सिद्ध बाबा के मन्दिर में आया और उसके बाद इंजन स्टार्ट किया तो वह चालू हो गया तब से परम्परा चली आ रही है कि रंगपंचमी के दिन यहां पर प्रत्येक ट्रेन को रोका जाता है सिद्ध बाबा के दर्शन करने के लिये वैसे तो साल भर श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन रंगपंचमी के दिन सिद्ध बाबा मन्दिर पर भीड़ इतनी उमड़ती है कि व्यवस्थाये भी कम पड़ जाती है। ललितपुर शहर से राखपंचमपुर सिद्ध बाबा मन्दिर 20 किलो मीटर दूरी पर है।
इनका कहना
सिद्ध बाबा मंदिर के मुख्य पुजारी शिवलाल पन्डा ने बताया कि 6 पीढ़ियां लगभग 350 वर्ष से यहां मेले का आयोजन किया जा रहा है यह मेला सिद्ध बाबा के चमत्कारों के लिये जाना जाता है। लोगों में मान्यता है कि यहां पर कोई भी रोगी फोड़ा फुन्सी कैन्सर बड़ी से बड़ी बीमारी व ऐसे रोग जो असाध्य हो गये है उपचार लेने के बाद रोगी ठीक नहीं हो रहा है सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) लगाने से ठीक हो जाता है। लगभग 37 साल से सिद्ध बाबा की सेवा में लगे है मन्दिर पर आने वाले श्रृद्धालु अपनी समस्या बताते है तो हम उन्हें झाड़कर उनके शरीर पर पवित्र भभूति (राख) का लेपन कर देते हैं जिससे श्रृद्धालुओ को आराम मिल जाता है।
मुख्य पुजारी शिवलाल पन्डा
श्री सिद्ध बाबा मन्दिर ग्राम राखपंचमपुर
इनका कहना
राखपंचमपुर के ग्राम प्रधान राजपाल सिंह यादव ने बताया कि रंगपंचमी के दिन श्री सिद्ध बाबा के दर्शन करने, सीदा चढ़ाने, कथा कराने के लिये उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश से सिद्ध बाबा मन्दिर पर श्रृद्धालुओं का इतना सैलाव उमड़ता है कि मन्दिर पर चारों तरफ भीड़ ही भीड़ नजर आती है। सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) फोड़ा, फुन्सी पर लगाने से ठीक हो जाती है एवं चर्म रोग से भी छुटकारा मिलता है श्रृद्धालु सिद्ध बाबा मन्दिर में अपनी हाजिरी लगाने के लिये अपने आप खिचे चले आते है और जो भी श्रृद्धालु सिद्ध बाबा मन्दिर में मनोकामना लेकर आते है तो सिद्ध बाबा उन सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करते है।
राजपाल सिंह यादव
ग्राम प्रधान राखपंचमपुर
इनका कहना
देवेन्द्र शर्मा एडवोकेट ने बताया कि श्री सिद्ध बाबा की महिमा का अन्दाजा इससे लगाया जा सकता है कि जब चिकित्सक मरीजों का उपचार करने से मनाही कर देते है तब श्री सिद्ध बाबा ऐसे मरीजों की मदद करते है। सच्चे मन से सिद्ध बाबा का नाम लेकर जो व्यक्ति शरीर में पवित्र भभूति (राख) का लेपन करता है तो उसे राहत मिलना शुरू हो जाती है और जिन लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है वे सिद्ध बाबा मन्दिर पर प्रसाद चढ़ाते है व कथा करवाते है।
देवेन्द्र शर्मा एडवोकेट
इनका कहना
ग्राम राखपंचमपुर के पूर्व प्रधान जयराम सिंह लोधी ने बताया कि होली की रंगपंचमी पर लगने वाले राखपंचमपुर मेला की ख्याति निरन्तर बढ़ती ही जा रही है सिद्ध बाबा का मन्दिर आस्था का केन्द्र बनता जा रहा है इसे वार्षिक कैलेण्डर में स्थान दिया जाता है यहां फोड़ा और फुन्सी से लेकर लाइलाज बीमारी भी सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) लगाने से ठीक हो जाती है।
जयराम सिंह लोधी
पूर्व प्रधान राखपंचमपुर
इनका कहना
भक्त एवं हास्य कलाकार देवेन्द्र कुमार राय ने बताया कि श्री सिद्ध बाबा के दर्शन करने के लिये वैसे तो साल भर श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन रंगपंचमी के दिन सिद्ध बाबा मन्दिर पर भारी भीड़ उमड़ती है और हर कोई सिद्ध बाबा की चमत्कारी मड़िया के दर्शन करने व सीदा चढ़ाने के लिये लालायित रहता है यह मेला सिद्ध बाबा के चमत्कारों के लिये भी जाना जाता है ललितपुर शहर से राखपंचमपुर सिद्ध बाबा मन्दिर लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर है।
देवेन्द्र कुमार राय
इनका कहना
ग्राम राखपंचमपुर के पूर्व ग्राम प्रधान लाखन सिंह ने बताया कि श्री सिद्ध बाबा मन्दिर पर रंगपंचमी के दिन भव्य मेला लगता है और मेला में हर साल लाखों श्रृद्धालु सिद्ध बाबा के दर्शन करने के लिये बड़ी दूर दूर से पहुंचते है और अपनी हाजिरी दर्ज कराते है सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) लगाने से कई असाध्य रोग वाले मरीजों को आराम मिलता है वैज्ञानिक युग में सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) का चमत्कार अब भी बना हुआ है।
लाखन सिंह
पूर्व प्रधान राखपंचमपुर