UP News: उत्तर प्रदेश में अपने घर का सपना देख रहे लोगों के लिए सरकार ने एक बड़ी राहत भरी घोषणा की है। राज्य सरकार ने आवासीय योजनाओं को आम लोगों की पहुंच में लाने के उद्देश्य से विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद द्वारा लिए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क में भारी कटौती करने का फैसला किया है। इस निर्णय का सीधा असर मकान, फ्लैट और प्लॉट की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे आने वाले समय में घर खरीदना पहले से आसान हो जाएगा।
अब तक आवासीय परियोजनाओं की लागत में ओवरहेड चार्ज और कंटीन्जेंसी के नाम पर भारी-भरकम अतिरिक्त राशि जोड़ी जाती थी। कई मामलों में यह अतिरिक्त शुल्क कुल लागत का 25 से 30 प्रतिशत तक पहुंच जाता था। इसका सीधा असर यह होता था कि मकान और फ्लैट की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाती थीं।
सरकार के नए फैसले के तहत अब ओवरहेड चार्ज और कंटीन्जेंसी को मिलाकर अधिकतम 16 प्रतिशत तक ही अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकेगा। इससे पहले जहां 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त चार्ज वसूला जाता था, अब वह लगभग आधा रह जाएगा। इस बदलाव से नई आवासीय योजनाओं की कीमतों में स्पष्ट रूप से कमी आने की उम्मीद है।
ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग को विशेष राहत
उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए अतिरिक्त रियायतें भी दी हैं। पहले इन वर्गों के लिए बनने वाले मकानों पर लगभग 27 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता था, जिससे सस्ता घर लेने का सपना अधूरा रह जाता था।
नए निर्णय के अनुसार अब
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EWS वर्ग के लिए अतिरिक्त शुल्क घटाकर 14 प्रतिशत
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LIG वर्ग के लिए अतिरिक्त शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत
कर दिया गया है। इससे कम आय वाले परिवारों के लिए घर खरीदना कहीं ज्यादा आसान और किफायती हो जाएगा।
घरों की कीमतों पर दिखेगा सीधा असर
सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नई आवासीय योजनाओं में मकान, फ्लैट और प्लॉट की कीमतें कम होंगी। जब परियोजना लागत कम होगी तो उसका लाभ सीधे खरीदारों तक पहुंचेगा। इससे खासतौर पर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी, जो लंबे समय से बढ़ती कीमतों के कारण घर नहीं खरीद पा रहे थे। रियल एस्टेट से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि अतिरिक्त शुल्क में कटौती से आवासीय योजनाएं ज्यादा आकर्षक बनेंगी और बिक्री में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
आवासीय योजनाओं को मिलेगी नई रफ्तार
इस फैसले से न सिर्फ आम जनता को फायदा होगा, बल्कि राज्य में चल रही और आने वाली आवासीय योजनाओं को भी नई गति मिलेगी। कम कीमतों के चलते ज्यादा लोग योजनाओं में आवेदन करेंगे, जिससे विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद की योजनाओं में रुचि बढ़ेगी। इसके साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर, निर्माण उद्योग और इससे जुड़े रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। सरकार के इस कदम को आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला फैसला भी माना जा रहा है।
मध्यम वर्ग के सपनों को मिलेगा सहारा
मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। बढ़ती जमीन की कीमतें, निर्माण लागत और अतिरिक्त शुल्क के कारण लोग वर्षों तक किराए के मकान में रहने को मजबूर रहते हैं। अब अतिरिक्त शुल्क कम होने से मध्यम वर्ग को भी राहत मिलेगी और वे अपने बजट में घर खरीदने की योजना बना सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय केवल कीमतें कम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य “सबके लिए आवास” के लक्ष्य को मजबूत करना भी है। सस्ती आवासीय योजनाओं से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सुनियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा और अवैध कॉलोनियों पर भी अंकुश लगेगा।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त शुल्क में की गई यह कटौती आम जनता के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। इससे घर, फ्लैट और प्लॉट की कीमतें कम होंगी, आवासीय योजनाओं में तेजी आएगी और हजारों परिवारों का अपने घर का सपना पूरा होने की उम्मीद बढ़ेगी। यह फैसला “सस्ता घर, सुरक्षित भविष्य” की दिशा में एक मजबूत और सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
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अर्जुन झा एक अनुभवी लेखक और डिजिटल पत्रकार हैं, जो राजनीति, सरकारी योजनाओं, शिक्षा और करियर से जुड़ी ख़बरों में गहरी रुचि रखते हैं। इनका उद्देश्य है लोगों तक सही, सटीक और समय पर जानकारी पहुँचाना। Len News के माध्यम से इन्होंने हज़ारों पाठकों को सरकारी अपडेट, योजना फॉर्म और रोजगार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई है।