UP News: उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग के लिए भेजी जाने वाली धनराशि अब जल्द ही उनके अभिभावकों के खातों में पहुंचने वाली है। सरकार की ओर से इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है, ताकि किसी भी बच्चे को आवश्यक संसाधनों की कमी का सामना न करना पड़े।
राज्य सरकार लंबे समय से बच्चों को बेहतर सुविधाएँ देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनमें यूनिफॉर्म और स्टेशनरी के लिए फंड ट्रांसफर सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। इस वर्ष लगभग साढ़े सात लाख छात्रों के सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया गया है और अब शेष बच्चों के दस्तावेजों की जाँच तेजी से चल रही है।
अभिभावकों के आधार और बैंक खाते का सत्यापन पूरा
शिक्षा विभाग के अनुसार, बड़ी संख्या में छात्रों के अभिभावकों के आधार व बैंक खातों का सत्यापन पूरा हो चुका है। जिन छात्रों के अभिभावकों का KYC अधूरा था, उन्हें दस्तावेज जमा करने के लिए निर्देश दिए गए थे। अधिकांश अभिभावकों ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिससे फंड ट्रांसफर में आने वाली दिक्कतें अब कम हो गई हैं।
पिछले वर्षों में कई बार आधार लिंक न होने या खातों में त्रुटि के कारण भुगतान अटक जाता था। इस बार विभाग ने पहले ही सभी जिलों को निर्देश दिए थे कि डेटा अपडेट में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। इसका परिणाम यह हुआ है कि कई जिलों में सत्यापन कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब सिर्फ तकनीकी मिलान का अंतिम चरण बाकी है।
दो चरणों में भेजा जाएगा पैसा
सरकार इस बार फंड ट्रांसफर को दो चरणों में भेजने की तैयारी कर रही है। पहले चरण में उन बच्चों को राशि भेजी जाएगी जिनकी सारी जानकारी सही है और सत्यापन पूर्ण हो चुका है। दूसरे चरण में बाकी बच्चों के सुधारित डेटा के आधार पर भुगतान किया जाएगा। यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और बैग के लिए प्रति छात्र लगभग 1200 रुपये भेजे जाएंगे। बड़ी संख्या में बच्चों का डेटा मिलान पूरा होने के बाद विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ ही हफ्तों में सभी बच्चों के खातों में यह धनराशि पहुँच जाए।
डीबीटी के माध्यम से राशि सीधे खाते में
इस योजना के अंतर्गत पूरी रकम डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे अभिभावकों के बैंक खातों में भेजी जाती है। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ती है बल्कि समय भी बचता है। अभिभावकों को बैंक या स्कूल किसी जगह चक्कर नहीं लगाने पड़ते। ई-पोषण पोर्टल पर प्रत्येक बच्चे का विवरण उपलब्ध है और भुगतान इसी पोर्टल के डेटा के आधार पर किया जा रहा है। जिन जिलों ने सत्यापन कार्य समय पर पूरा कर लिया है, वहां फंड ट्रांसफर प्रक्रिया पहले शुरू की जाएगी।
सरकार का लक्ष्य: हर बच्चे तक सुविधा समय पर पहुँचे
राज्य सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि किसी भी परिवार को अपने बच्चे की पढ़ाई में आर्थिक समस्या न आए। यूनिफॉर्म, बैग और अन्य जरूरी सामान बच्चों के आत्मविश्वास और नियमित उपस्थिति दोनों को बढ़ाते हैं। इसलिए इस वर्ष विभाग पूरी सख्ती और पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है। जल्द ही सभी बच्चों के अभिभावकों को मोबाइल पर संदेश के माध्यम से भुगतान की सूचना दी जाएगी।
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अर्जुन झा एक अनुभवी लेखक और डिजिटल पत्रकार हैं, जो राजनीति, सरकारी योजनाओं, शिक्षा और करियर से जुड़ी ख़बरों में गहरी रुचि रखते हैं। इनका उद्देश्य है लोगों तक सही, सटीक और समय पर जानकारी पहुँचाना। Len News के माध्यम से इन्होंने हज़ारों पाठकों को सरकारी अपडेट, योजना फॉर्म और रोजगार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई है।

