UP Shiksha Mitra Salary Hike: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय बढ़ोतरी की मांग उठती रही है। कम वेतन, बढ़ती महंगाई और अतिरिक्त जिम्मेदारियों के चलते ये संवर्ग लगातार सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं। अब इस मुद्दे पर योगी सरकार की ओर से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के बीच एक बार फिर उम्मीद जगी है कि जल्द ही कोई ठोस फैसला सामने आ सकता है।
यूपी विधान परिषद के प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की आर्थिक स्थिति का मुद्दा जोरशोर से उठाया। समाजवादी पार्टी के सदस्य आशुतोष सिन्हा ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि शिक्षामित्र और अनुदेशक विद्यालयों में शिक्षकों के समान ही कार्य करते हैं। कई बार तो उन्हें शिक्षकों से अधिक जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें बेहद कम मानदेय दिया जा रहा है।
कम मानदेय से जूझ रहे शिक्षामित्र और अनुदेशक
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को लगभग 10 हजार रुपये और अनुदेशकों को करीब 9 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है। इस सीमित आय में परिवार का खर्च चलाना बेहद कठिन हो गया है। महंगाई बढ़ने के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना इन कर्मचारियों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। यही वजह है कि लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग तेज होती जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने सरकार को घेरते हुए बताया कि वर्ष 2017 में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का मानदेय तय किया गया था, लेकिन उसके बाद से अब तक इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है और इन पर गैर-शैक्षणिक कार्यों का अतिरिक्त बोझ भी डाला जा रहा है, फिर भी मानदेय जस का तस बना हुआ है।
सरकार ने दिया सकारात्मक आश्वासन
सरकार की ओर से जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने सदन को भरोसा दिलाया कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 5 सितंबर को की गई घोषणा के अनुसार शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को जल्द ही कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही मानदेय वृद्धि को लेकर भी विचार चल रहा है और जल्द निर्णय लिया जाएगा।
कैशलेस इलाज से मिलेगी बड़ी राहत
सरकार द्वारा प्रस्तावित कैशलेस इलाज की सुविधा शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। कम आय के चलते स्वास्थ्य संबंधी खर्च उठाना इनके लिए बेहद मुश्किल हो जाता है। अगर यह सुविधा लागू होती है, तो इलाज को लेकर उनकी चिंता काफी हद तक कम हो सकती है और यह सरकार की ओर से एक सकारात्मक कदम माना जाएगा।
मानदेय बढ़ोतरी से बदल सकती है स्थिति
यदि सरकार शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि करती है, तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। इससे न सिर्फ उनका मनोबल बढ़ेगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलने पर ये कर्मचारी पूरी निष्ठा और ऊर्जा के साथ अपने कार्य को अंजाम दे सकेंगे।
सरकार के ताजा बयान के बाद शिक्षामित्रों और अनुदेशकों में एक बार फिर उम्मीद जगी है। लंबे समय से वे जिस फैसले का इंतजार कर रहे थे, वह अब ज्यादा दूर नहीं लग रहा। अगर आने वाले दिनों में सरकार कोई ठोस घोषणा करती है, तो यह लाखों शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए बड़ी राहत और सम्मान का प्रतीक साबित हो सकती है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र और अनुदेशक शिक्षा व्यवस्था की एक अहम कड़ी हैं। मानदेय वृद्धि को लेकर सरकार का सकारात्मक रुख इस बात का संकेत है कि जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अब सभी की नजरें सरकार के अंतिम निर्णय पर टिकी हैं, जो इन कर्मचारियों के भविष्य को नई दिशा दे सकता है।
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अर्जुन झा एक अनुभवी लेखक और डिजिटल पत्रकार हैं, जो राजनीति, सरकारी योजनाओं, शिक्षा और करियर से जुड़ी ख़बरों में गहरी रुचि रखते हैं। इनका उद्देश्य है लोगों तक सही, सटीक और समय पर जानकारी पहुँचाना। Len News के माध्यम से इन्होंने हज़ारों पाठकों को सरकारी अपडेट, योजना फॉर्म और रोजगार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई है।