परिवार नियोजन अपनाने में शहरी आगे

ग्रामीण क्षेत्रों में बिरधा का प्रदर्शन बेहतर

ललितपुर। छोटे परिवार के बड़े फायदे को लेकर शहरी क्षेत्र की महिलायेँ परिवार नियोजन के उपायों को आसानी से स्वीकार कर रही हें। पिछले दो वर्षों के दौरान जनपद में सबसे अधिक शहरी महिलाओ ने नसबंदी की सेवा अपनाई है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में नसबंदी के प्रति संकोच देखा जा रहा है। जनसंख्या स्थिरता के मद्देनजर परिवार नियोजन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भनिरोधक के अस्थाई व स्थाई साधन मुफ्त प्रदान किए जाते हैं। महिला व पुरूष दोनों को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध गर्भ निरोधकों के बारे में सलाह दी जाती है, ताकि अपनी पसंद के गर्भ निरोधक का चुनाव कर सकें। इनमें पुरूष नसबंदी, गर्भ निरोधक गोलियां, माला एन, कंडोम, महिला नसबंदी, गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा आदि शामिल हैं। परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. अजय भाले ने बताया कि कम आयु में विवाह एवं गर्भधारण करने का सीधा प्रभाव माँ व बच्चे के पोषण और स्वास्थ्य पर पड़ता है। जल्दी-जल्दी गर्भधारण करने से महिलाएं एनीमिया का शिकार हो जाती हैं, जो कि माँ और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा होता है। पुरूष नसबंदी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना दर्द रहित और बिना किसी चीर-टांका के बहुत कम समय में की जा सकती है। इसमें रक्तस्राव भी नहीं होता और नसबंदी के तुरंत बाद पुरुष अपने काम पर लौट सकता है। महिलाओ की नसबंदी में रक्तस्राव अधिक होता है और उन्हे एक सप्ताह तक आराम करना पड़ता है। ऐसे में पुरुष अपनी नसबंदी कराकर समाज व देश के हित में योगदान दे सकते हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े

01 अप्रैल 2021 से 30 अक्टूबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक जिले में कुल मिलाकर 221 महिलाओं ने नसबंदी कराई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तालबेहट में 15, जखोरा में 24, बिरधा में 44, बार में 40, महरोनी में शून्य, मड़ावरा में 28, सबसे अधिक ललितपुर शहरी क्षेत्र में 70 महिलाओं ने नसबंदी अपनायी। पुरूष नसबंदी के मामले में ललितपुर शहरी क्षेत्र व बिरधा में एक-एक पुरुष ने इस स्थायी साधन को अपनाया है।

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