Veerendra Heggade : जानिए आखिर कौन हैं राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए डॉ. वीरेंद्र हेगड़े

Veerendra Heggade : बेंगलुरुः कर्नाटक राज्य के धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी जिनकी उम्र 73 साल है डॉक्टर वीरेंद्र हेगड़े को राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए हैं। बता दें कि डॉक्टर हेगड़े को दान और सामाजिक कार्यों के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। कर्नाटक राज्य का सबसे बड़ा पुरस्कार कर्नाटक रत्न भी इसमें शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वीरेन्द्र हेगड़े | - फोटो : Social Media
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वीरेन्द्र हेगड़े | – फोटो : Social Media

Veerendra Heggade : देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार को राज्यसभा के लिए प्रमुख हस्तियों को मनोनीत करने का ऐलान किया। इनमें कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी 73 साल के डॉक्टर वीरेंद्र हेगड़े का नाम भी शामिल है। डॉक्टर हेगड़े को दान और सामाजिक कार्यों के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उन्हें सन् 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था जबकि 2015 में पीएम मोदी के शासन में पद्म विभूषण से सम्मानित हुए।

धर्माधिकारी के साथ समाजसेवी भी रहे हेगड़े

Veerendra Heggade: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीरेंद्र हेगड़े के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि वह सामुदायिक सेवा में सबसे अगृणी हैं। पीएम ने ट्वीट भी किया कि हेगड़े उत्कृष्ट सामुदायिक सेवा में सबसे आगे हैं। मुझे धर्मस्थल मंदिर में प्रार्थना करने और स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में उनकी ओर से किए जा रहे महान कार्यों को देखने का अवसर मिला है। वह निश्चित रूप से संसदीय कार्यवाही को समृद्ध करेंगे।

Veerendra Heggade twiter

राज्यसभा से मनोनीत वीरेंद्र हेगड़े दिगंबर समुदाय से आते हैं

मनोनीत वीरेंद्र हेगडे का जन्म 25 नवंबर 1948 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ स्थित बंटवाल तालुक में हुआ था। वह धर्माधिकारी रत्नवर्मा हेगड़े के बड़े बेटे हैं। वीरेंद्र हेगड़े दक्षिण कन्नड़ में स्थित श्री धर्मस्थल मंजुनाथ स्वामी मंदिर के अनुवांशिक ट्रस्टी हैं। उनका परिवार कई हिंदू समुदाय के मंदिरों का भी ट्रस्टी है। वीरेंद्र हेगड़े दिगंबर समुदाय से आते हैं।

हेगड़े का कला और संस्कृति के प्रचार में भी रहा अहम योगदान

वीरेंद्र हेगड़े को दिगम्बर समुदाय की करीब 600 साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं कला और संस्कृति के प्रचार में भी उनका अहम योगदान रहा है। नैचुरोपैथी, योगा और नैतिक शिक्षा के प्रसार के लिए धर्मस्थल से जुड़े 400 हाईस्कूल और प्राइमरी टीचर हर साल इन विषयों में 30,000 छात्रों को शिक्षा देते हैं। उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।

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