संविधान दिवस पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम का वर्चुअल लाइव टेलीकास्ट कलैक्ट्रेट में दिखाया गया
ललितपुर। संसद भवन, नई दिल्ली में संविधान दिवस के अवसर पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका वर्चुअल लाइव टेलीकास्ट कलैक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी, आलोक सिंह की अध्यक्षता में दिखाया गया। साथ ही सूचना विभाग, ललितपुर की ओर से शासन के निर्देशानुसार उक्त कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कचहरी परिसर एवं कलैक्ट्रेट चौराहा पर एल0ई0डी0 वीडियो वैन के माध्यम से अधिवक्ताओं एवं आमजनमानस को दिखाया गया। संसद भवन में आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम राष्ट्रगान गाया गया, तत्पश्चात संसदीय कार्य मंत्री ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि 26 नवम्बर 1949 ई0 को एतद्द्वारा संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसका निर्माण 02 साल, 11 महीने और 18 दिनों में हुआ। संविधान के पहले ही पृष्ठ पर लिखा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में वर्ष 2015 से 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रुप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। इसके उपरान्त लोकसभा अध्यक्ष ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 72 वर्ष पहले आज ही के दिन हमारे संविधान का अंगीकरण हुआ था और हमारे देश ने शान्ति, प्रगति और समानता के संकल्प के साथ अपनी विकास यात्रा शुरु की थी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिवस बाबा साहब अम्बेडकर एवं डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दूरनदेशी महानुभावों को नमन एवं इस सदन को प्रणाम करने का है, क्योंकि इसी जगह पर महीनों तक भारत के विद्वतजनों ने, एक्टिविस्टों ने देश के उज्वल भविष्य के लिए व्यवस्थाओं को निधारित करने के लिए मंथन किया था, जिससे संविधान रुपी अमृत हमें प्राप्त हुआ था, जिसने आजादी के इतने लम्बे कालखण्ड के बाद आज हमें यहां पहुंचाया था। आजादी की लड़ाई में जिन्होंने अपना जीवन दिया, उन सभी को आज नमन करने का अवसर है। इसके साथ ही उन्होंने 26/11 मुम्बई हमले के शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरान्त महामहिम राष्ट्रपति ने बटन दबाकर संसद भवन से संविधान सभा की चर्चाओं, भारत के मूल संविधान की सुलेखित प्रति एवं संविधान के अद्यतन प्रति का डिजिटल संस्करण जारी किया तथा संविधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया। इसके उपरान्त उन्होंने सभी को संविधान की शपथ दिलाई कि ‘‘हम भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी पंतनिरपेक्ष, लोक तंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचारों की अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिये तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने के लिये दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ई0 को एत्दद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।’’उक्त के क्रम में कलैक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी ने समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संविधान की शपथ दिलायी। जिलाधिकारी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान में भारतीय नागरिकों को समरसता के मौलिक अधिकारों के साथ-साथ किसी भी व्यक्ति को उच्चतम पद तक पहुंचने के समान अवसर प्राप्त हैं। प्रत्येक व्यक्ति को भारतीय संविधान पर गर्व होने चाहिए एवं भारतीय नागरिक के रूप में प्रत्येक व्यक्ति को ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है, इसमें भारत के लोगों के मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ अपने अधिकारों के बारे में नहीं, अपितु अपने कर्तव्यों पर भी ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 गुलशन कुमार, उप जिलाधिकारी न्यायिक दीपिका मेहेर, अपर उप जिलाधिकारी आवेश खान, अपर उप जिलाधिकारी अनिल कुमार, कृषि उप निदेशक संतोष कुमार सविता, परियेाजना अधिकारी डूडा राजीव शुक्ला, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा विनय अग्रवाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी अभिषेक अवस्थी, जिला सूचना अधिकारी पीयूष चन्द्र राय सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।