Damoh MLA Husband Court Case: पत्नी को विधायक बनाया, उसी ने तोड़ दिया रिश्ता, अब पति दो वक्त की रोटी को मोहताज!

Damoh MLA Husband Court Case: पुरानी कहावत है कि जिस थाली में खाया उसी में छेद कर दिया, यह सिर्फ कुछ शब्दों की लाइनें यूं ही नहीं बनाई गईं, बल्कि इन लाइनों का सही अर्थ बहुत कुछ सिखाता है। अक्सर ऐसा ही होता है कि कोई व्यक्ति किसी की कितनी ही दिल से मदद क्यों ना कर दे, उसे बुलंदियों तक क्यों ना पहुंचा दे, लेकिन जब इंसान की किस्मत बदलती है तो वह उन सभी को धीरे-धीरे भूल जाता है जिन्होंने एक व्यक्ति को फर्स से अर्स तक पहुंचाया है।

एक ऐसी ही किस्से से जुड़ी ताजा खबर मध्य प्रदेश के दमोह से सामने आयी है, एक पति ने अपनी पत्नी को पहले राजनीति में उतारा, पति ने पत्नी के राजनीति में आगे जाने के लिये खूब मेहनत की, लोगों के साथ अच्छा व्यवहार किया यहां तक की पति के व्यवहार से पत्नी विधायक तक बन गई, लेकिन जैसे ही पत्नी के पास पद आया, वह अपने पति को ही भूल गई और उससे अलग हो गई। इस कहानी में अंत तक बने रहिए आगे बहुत कुछ है।

Damoh MLA Husband Court Case: पत्नी के विधायक बनते ही सब कुछ बदल गया

यह खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, दरअसल पूरा मामला मध्य प्रदेश के दमोह जनपद का है, इस क्षेत्र से भाजपा की पूर्व विधायक सोना बाई अहिरवाल रहीं। उनके पति सेवकराम ने अपने जीवन यापन के लिए कोर्ट में गुजारा भत्ता की याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी पत्नी को विधायक बनाने के लिये भरपूर मेहनत की, लेकिन विधायक बनने के बाद उनकी पत्नी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। राजनीति की बुलंदियों पर जैसे ही उनकी पत्नी पहुंची सगे रिश्तों से मुंह मोड़ लिया।

आगे उन्होंने बताया कि वह अपनी पत्नी को सन् 2003 में राजनीति में लेकर आये थे। मध्य प्रदेश की राजनीति से लेकर दिल्ली की राजनीति के गलियारों तक उन्होंने अपनी पत्नी को घुमाया, किस्मत अच्छी रही कि उनकी पत्नी को भाजपा से टिकट तक मिल गया और वह विधायक बन गईं। पति ने कहा है कि वह अब वीआईपी बन गई हैं और मैं दो वक्त की रोटी के लिये मोहताज हूं।

Damoh MLA Husband Court Case: 2009 में सोना बाई बिना तलाक दिए सागर रहने लगी

पीड़ित पति सेवकराम ने मीडिया को बताया कि उनकी पत्नी जैैसे ही राजनीति में आगे बढ़ी और विधानसभा पहुंची उनका व्यवहार पूरी तरह से बदल गया, अब उन्हें सिर्फ अपनी दिखने लगी, पति कौन है इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं है, आगे बताया कि यहां तक की वह उन्हें छोड़कर 2009 में बिना तलाक दिए ही सागर में अकेली रहने लगी। आगे उन्होंने यह भी बताया कि आज उनकी पत्नी के पास जमीन, जायदाद से लेकर गाड़ी सब कुछ है। सेवकराम ने दमोह जनपद की जिला कोर्ट में कुटुंब न्यायालय में याचिका दायर की है कि उन्हें हर माह 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता राशि दी जाए।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की करीबी हैं सोना बाई

दमोह क्षेत्र से पूर्व विधायक सोना बाई मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बेहद करीबी मानी जाती हैं। राजनीति के गलियारों में विशेष चर्चा है कि सोना बाई अपने विधायक कार्यकाल के दौरान उमा भारती के ज्यादा करीबी रही हैं। इसके बाद 2008 में दमोह क्षेत्र की सीट सामान्य हो जाने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला, लेकिन वर्तमान में भी वह बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता मानी जाती हैं।

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