Lalitpur Breaking: कोतवाली ललितपुर पुलिस ने एक बेहद गंभीर और संवेदनशील मामले का खुलासा करते हुए ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने फर्जी मेडिकल डिग्रियों के आधार पर न केवल डॉक्टर की नौकरी हासिल की, बल्कि लंबे समय तक मरीजों का इलाज कर भौतिक और आर्थिक लाभ भी अर्जित किया। यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर तेजी और त्वरित प्रभाव से की गई।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कार्रवाई
अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन तथा पुलिस महानिरीक्षक, झांसी परिक्षेत्र के आदेशों के क्रम में पुलिस अधीक्षक ललितपुर मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग अपर पुलिस अधीक्षक ललितपुर कालू सिंह और क्षेत्राधिकारी सदर अजय कुमार द्वारा की गई।
इसी क्रम में थाना कोतवाली ललितपुर पुलिस ने मु0अ0सं0 1422/2025 धारा 319, 318(4), 338, 336(3), 336(4), 340(2) BNS में वांछित अभियुक्त अभिनव सिंह, पुत्र चन्द्रपाल सिंह, निवासी तालाबपुरा, ललितपुर को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रामनरेश सोनी द्वारा थाना कोतवाली ललितपुर में प्रार्थना-पत्र देकर बताया गया कि अभियुक्त अभिनव सिंह ने अपने बहनोई — जो अमेरिका में चिकित्सक हैं की एमबीबीएस और एमडी डिग्री को आधार बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। उन्हीं दस्तावेजों का उपयोग करते हुए उसने स्वायत्तशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज, ललितपुर में कार्डियोलॉजी एवं जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ के पद पर नौकरी प्राप्त कर ली। अभियुक्त के पास न तो हृदय रोग विशेषज्ञ की कोई डिग्री थी, न अनुभव। इसके बावजूद वह लंबे समय से मरीजों का उपचार कर रहा था, जिससे कई लोगों के जीवन को जोखिम में डाला गया।
गिरफ्तारी के लिए बनीं विशेष टीमें
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ललितपुर ने क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया। तकनीकी, सर्विलांस और गुप्त सूचनाओं के आधार पर टीमों ने अभियुक्त को धरदबोचा।
पूछताछ में चौकाने वाले खुलासे
पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि—
उसने बीई कंप्यूटर साइंस किया है।
वर्ष 1999 में कस्टम विभाग में नौकरी के दौरान उस पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ था, जिसके बाद वह लगातार विभिन्न स्थानों पर छिपता रहा।
वह पहले भी अपने बहनोई के दस्तावेजों का उपयोग कर मथुरा में फर्जी डॉक्टर के रूप में काम कर चुका है, जहाँ से 2019 में CBI ने उसे गिरफ्तार किया था।
कोर्ट से उसे 16 महीने की सजा और 8 लाख रुपये का जुर्माना भी मिला था।
जेल से छूटने के बाद उसने फिर से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर NHM के तहत मेडिकल कॉलेज ललितपुर में नौकरी हासिल कर ली।
उसने सैकड़ों मरीजों का उपचार किया, जबकि उसे चिकित्सा का कोई अधिकृत ज्ञान नहीं था।
अभियुक्त ने स्वीकार किया कि जब उसे अपनी पोल खुलने का अंदेशा हुआ तो उसने अपनी जीवित मां को मृत दिखाकर सीएमओ को इस्तीफा भेज दिया और भाग गया था।
महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए, जिनमें शामिल हैं—
डीएमसी सर्टिफिकेट
एमपी मेडिकल काउंसिल से जुड़े कागजात
डॉ. राजीव गुप्ता के आधार कार्ड की कॉपी
ई-आधार की प्रतिलिपि
वोटर ID की छायाप्रति
वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल की प्रतियां
प्रैक्टिस से संबंधित दस्तावेज
गिरफ्तारी की तारीख
12 दिसंबर 2025, को आरोपी को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी करने वाली टीम
प्रभारी निरीक्षक अनुराग अवस्थी, थाना कोतवाली ललितपुर
तथा उनकी पुलिस टीम
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अर्जुन झा एक अनुभवी लेखक और डिजिटल पत्रकार हैं, जो राजनीति, सरकारी योजनाओं, शिक्षा और करियर से जुड़ी ख़बरों में गहरी रुचि रखते हैं। इनका उद्देश्य है लोगों तक सही, सटीक और समय पर जानकारी पहुँचाना। Len News के माध्यम से इन्होंने हज़ारों पाठकों को सरकारी अपडेट, योजना फॉर्म और रोजगार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई है।

