Lalitpur News: ललितपुर: प्यार किया तो जिंदा बेटी की तेरहवीं कर दी! शादी पर पीड़ित पिता का अजीब बदला

Lalitpur News: उत्तर प्रदेश के जनपद ललितपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया है। यहां एक पिता ने अपनी जिंदा बेटी की तेरहवीं कर दी। वजह सिर्फ इतनी थी कि बेटी ने अपने ही मोहल्ले के युवक से प्रेम विवाह कर लिया था। बताया जा रहा है कि युवती ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की थी, जिससे नाराज़ होकर पिता ने यह चौंकाने वाला कदम उठाया।

मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जहां लोग इस घटना को अजीबोगरीब और चौंकाने वाला बता रहे हैं। पोस्टरों में युवती की फोटो के साथ उसकी कथित “मृत्यु” की जानकारी दी गई, जबकि वह पूरी तरह जीवित है। इस मामले से समाज में भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह घटना पारिवारिक मान-सम्मान का नतीजा है। यह खबर प्यार, सम्मान और पारिवारिक रिश्तों के बीच की जटिलताओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

Lalitpur News: बेटी के जिंदा रहते परिवार ने तेरहवीं कार्यक्रम किया

प्यार का भूत बड़ा ही निर्दयी होता है, इसका नशा इतना अजीब होता है कि जब यह पूरी तरह से चढ़ जाता है तो इश्क करने वाले दो प्रेमियों को परिवार, समाज कुछ भी नहीं दिखता है, उसे सिर्फ और सिर्फ अपना प्रेमी दिखता है। प्यार में हर प्रेमी सभी हदों को पार करके अपनी बाजी जीतते हैं, लेकिन प्यार, इश्क का अंजाम बाद में बहुत ही पश्चाताप का होता है। जनपद ललितपुर के मड़ावरा कस्बा में ही कुछ ऐसा ही हुआ, कस्बा निवासी शीलचन्द्र जैन की पुत्री सोनम जैन बीते 30 अप्रैल को लापता हुई थी।

परिवार वालों को पहले मामले की जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने युवती के अपहरण की एफआईआर पुलिस से करवाई थी। लेकिन कुछ दिनों बाद युवती जिस युवक के साथ भागी थी, उसने फेसबुक पर लड़की के साथ शादी का सर्टिफिकेट शेयर कर दिया था। जैसे ही परिजनों को इस बारे में जानकारी हुई उन्होंने बेटी के निधन के पोस्टर छपवा दिए।

Lalitpur News: जिंदा बेटी की शोकसभा में पहुंचे 200 से अधिक लोग

इश्वबाजी मंे पढ़कर प्रेम विवाह करने वाली युवती के परिवार वालों ने 12 अगस्त 2025 को एक शोकसभा रखी जिसमें करीबन 200 से ज्यादा लोग उपस्थित हुए। यह पूरा मामला ललितपुर के कस्बा मड़ावरा का है। शोकसभा का प्रमुख उददेश्य आत्मा से पीड़ित परिवार वालों का क्या रहा, एक पिता अपनी संतान लड़का या लड़की मंे बिना किसी भेदभाव के उसका जीवनयापन करते हैं, किसी भी प्रकार की लालन-पालन में कोई भी कमी नहीं रखते हैं,

लेकिन इस प्रकार की गलत दिशा में जाने वाली लड़कियां एक पिता को और पूरी समाज को क्या संदेश देकर जाती हैं, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। शोकसभा में उपस्थित प्रदीप जैन ने कहा कि यह किसी मृतक की शोकसभा नहीं है, बल्कि यह एक दुखी पिता की पीड़ा है। पिता के जीवन में दो ही दिन सबसे बुरे होते हैं। एक लड़के का घर छोड़कर जाना। दूसरा बेटी की घर की मर्यादा तोड़ना। वहीं प्रियंक जैन सर्राफ ने कहा है कि इस परिवार ने जो साहसिक निर्णय लिया। पूरा समाज इसकी सराहना करता है।

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