Primary School Merger Protest: शिक्षक संघ ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, परिषदीय स्कूलों के विलय का जताया विरोध

Primary School Merger Protest: ललितपुर, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद ललितपुर (संबद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ नई दिल्ली) के जिलाध्यक्ष एवं मांडलिक मंत्री विनोद निरंजन एवं जिलामंत्री शकुंतला कुशवाहा, जिला कोषाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी के नेतृत्व कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी मनीष कुमार को सौंपा। ज्ञापन के पूर्व शिक्षक, शिक्षिकाओं ने मिलकर जमकर नारेवाजी करते हुए मांग की परिषदीय विद्यालयों को मर्ज न किया जाए।

इस दौरान जिलाध्यक्ष विनोद निरंजन ने कहा कि कम छात्र संख्या को आधार बनाकर विद्यालयों के पेयरिंग/मर्जर किया जा रहा है। यह प्रक्रिया बिल्कुल गलत है।उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में परिषदीय विद्यालयों में कम छात्र संख्या को आधार बनाकर पेयरिंग, मर्जर किए जाने की कार्यवाही गतिमान कर दी गई है जो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं बाल अधिकार के सर्वथा विपरीत एवं विधि विरुद्ध है। शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 में प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक बच्चे के घर के एक किलोमीटर की परिधि में 300 की आबादी पर प्राथमिक विद्यालय और 3 किलोमीटर की परिधि और 800 की आबादी पर उच्च प्राथमिक विद्यालय होना चाहिए।

Primary School Merger Protest: शिक्षक संघ ने दी चेतावनी, परिषदीय स्कूलों को न करें मर्ज

इसी के अनुरूप पूरे प्रदेश में विद्यालयों की स्थापना की गई व कालांतर में तमाम ऐसे कारण उत्पन्न हुए जिसकी वजह से कुछ जगहों पर छात्र संख्या कम हुई जिसका मुख्य कारण परिषदीय विद्यालयों के निकट ही निजी विद्यालयों को नियम विरुद्ध मान्यता दे दिया जाना, गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों का निर्बाध गति से चलते रहना है। पूर्व में तैनाती के समय विद्यालयों में शिक्षकों का असमान वितरण कर दिया गया जिसके फलस्वरूप कुछ विद्यालयों में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों और कुछ विद्यालयों में शिक्षकों की काफी कमी हो गई और प्रत्येक विकास खंड में कतिपय विद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति न हो पाने के कारण बंद चल रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों से तमाम गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे है।जिलामंत्री शकुंतला कुशवाहा ने कहा कि पिछले कई वर्षों में नित नए प्रयोगों के चलते बेसिक शिक्षा को प्रयोगशाला बना देने से ऐसी स्थितियां उत्पन्न हुई हैं। यह छात्र संख्या एक दिन में नहीं घटी है। इन्हीं सब कारणों से धीरे-धीरे करके कुछ जगहों पर छात्र संख्या में कमी आयी है जिसके लिए शिक्षक दोषी नहीं है। शिक्षक अपने स्तर से गांव में जाकर अभिभावकों और बच्चों से संपर्क करके छात्रों को विद्यालय तक लाते हैं।

Primary School Merger Protest: विद्यालयों के विलय पर शिक्षक संघ नाराज़

पेयरिंग/ मर्जर के कारण जब यह विद्यालय बच्चों के घर से दूर हो जाएंगे तो ना तो शिक्षक प्रत्येक मजरे में जा पाएगा और ना ही सभी बच्चे इतनी दूर से दूर के विद्यालयों में पढ़ने जा पाएंगे। एक तरफ नियमों में स्पष्ट व्यवस्था होने के बावजूद भी विभागीय अधिकारी परिषदीय स्कूलों के एक किलोमीटर की परिधि में निजी विद्यालयों को मान्यता दिए चले जा रहे हैं वहीं चल रहे गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को बंद करने में विभागीय अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। जिससे दिन प्रति-दिन गैर मान्यता विद्यालयों की बाढ़ आ गई है। जिला कोषाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने कहा कि गांव और गरीबों के बच्चों की शिक्षा का मुख्य आधार परिषदीय विद्यालय हैं।

अगर इन विद्यालयों को पेयरिंग/मर्जर करके दूसरे विद्यालयों में शिफ्ट कर दिया गया तो प्राथमिक शिक्षा इन छोटे-छोटे बच्चों से दूर हो जाएगी और दूर पढ़ने न जा पाने के कारण इनकी शिक्षा बीच में ही रुक जाएगी। जिससे ड्रॉप आउट और विद्यालय छोड़ने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने से एक भयावह स्थिति उत्पन्न होगी जो प्रत्येक बच्चे के शिक्षा प्राप्त करने के मौलिक अधिकार एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की मूल भावना के विपरीत होगी।

शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और विद्यालय दूर होने से शिक्षा ग्रहण करने पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा। आपकी लोकप्रिय सरकार गांव गरीब और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के प्रति समर्पित है। परिषदीय विद्यालयों की पेयरिंग / मर्जर जनता, छात्र, शिक्षक एवं शिक्षा के हित में नहीं है। शिक्षक,शिक्षिकाओं ने मांग की कि नौनिहालों को शिक्षा से वंचित न होना पडे इसी मांग को लेकर माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

ज्ञापन मे ये शिक्षक रहे मौजूद

इस दौरान विनोद निरंजन, शकुंतला कुशवाहा, अनिल त्रिपाठी, विनय ताम्रकार, सत्येंद्र जैन, लखनलाल आर्य, डां. स्मिता जैन, इंदर सिंह पटेल, रामरक्षपाल सिंह, अरविंद सिंह, विनय रजक,हरिनारायण चौबे, हरिश्चंद्र नामदेव, सचिन टडैया, रामसेवक निरंजन, राममिलन रजक, बृजेश चौरसिया, संतोष निरंजन, परिवेश मालवीय, गौरीशंकर सेन, मनीष खरे, जितेंद्र जैन, दयाशंकर रजक, पुष्पेंद्र जैन, राजीव बजाज, स्वदेश भूषण,

अंतिम जैन, नीलम ताम्रकार, विमलेश सोनी, ममता जैन, अनुराधा मोदी, निधि जैन, मंजू, रामभरत निरंजन, विकास सिंघई, संदीप नामदेव, गिरीश साहू, दिवाकर शुक्ला, सुरेश रजक, अविनेश कुमार, दामोदर साहू, संतोष प्रसाद, सुख सिंह, संजय जैन, संतोष नरवरिया, देवी सिंह राजपूत,अमित जैन,संजय कुशवाहा,सुजान सिंह पटेल, कल्याण पटेल, नीतीश कुमार, राजेश वर्मा,दीपक सिंघई, अरविंद सिंह, राजेंद्र सिंह,

प्रभात वर्मा, बली हुसैन,सुरेश कुमार,रामेश्वर प्रसाद, राजेश निरंजन, महेंद्र राजपूत, अखिलेश राजपूत, संतोष कुमार, दिनेश विश्वकर्मा, अंकुर जैन, अवधेश प्रसाद, वेद प्रकाश ,शिशुपाल,संतोष सिंह, राजेश रूरया, रामराज निरंजन, सुरेश कुमार, मथुरादास, मोहम्मद असलम, राजकुमार झां, सुख सिंह, ललिता देवी,रामरति,अशोक कुमार,भागीरथ, सौरभ चौरसिया, सचिन जैन, धर्मपाल,आरती, समरेंद्र,रविंद्र, अतुल मिश्रा, अश्वनी कुमार, अमन नामदेव, प्रदीप राठौर, शिवा सिंह, महेंद्र, बृजेंद्र राजन, रवींद्र वर्मा, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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