UP Panchayat Election: देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, यूपी सरकार ने आगामी चुनाव को लेकर कमर कस ली है और चुनाव की सभी तैयारियां तेज कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जानकारी मिली है कि यूपी में पंचायत चुनाव आगामी 2026 में होने जा रहे हैं। सरकार पंचायत चुनाव निष्पक्ष और पूर्ण पारदर्शिता से कराने के लिये प्रयासरत है।
जानकारी के मुताबिक बता रहे हैं कि पंचायत चुनाव में इस बार आरक्षण की स्थिति क्या होगी। चुनावों की पारदर्शिता और सामाजिक न्यास सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश सरकार ने राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंजूदी दी है।
UP Panchayat Election: आयोग के गठन के लिये कैबिनेट ने लगाई मुहर
विगत 20 जून 2025 को यूपी की कैबिनेट ने पिछड़ा वर्ग आयोग गठन के लिये मुहर लगा दी है। इस आयोग का मुख्य उददेश्य यह होगा कि पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की व्यवस्था कराना। यह आयोग आगामी समय में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर विभिन्न जनपदों और पंचायतों में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या, सामाजिक आर्थिक स्थिति और स्थानीय प्रतिनिधित्व की स्थिति का विश्लेषण करेगा। पूरी समीक्षा करने के बाद यह आयोग आरक्षण की संस्तुति प्रदेश सरकार को देगा।
UP Panchayat Election: आयोग का गठन इतना जरूरी क्यों?
जानकारी के मुताबिक बता दें कि प्रदेश में हुए बीते नगर निकायों में आयोग के अभाव में सरकार को चुनाव रोकने पड़े थे। जनगणना आधारिक डेटा, प्रतिनिधित्व की कमी का आंकलन और आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक न हो। इन सभी बिन्दुओं पर संतुलन बनाने के लिये आयोग की आवश्यकता बहुत ही जरूरी होती है। पिछली बार जब आयोग का गठन हुआ था इसके बाद ही निकाय चुनाव पूर्ण रूप से सम्पन्न हो पाये थे। यह भी बता दें कि पंचायत स्तर पर ओबीसी जनसंख्या, सामाजिक आर्थिक स्थिति और प्रतिनिधित्व की समीक्षा की जाएगी।
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