ललितपुर: ग्रामोत्थान सेवा समिति की वार्षिक योजना बैठक संस्था के ललितपुर कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ समाजसेवी और पर्यावरणविद् केदारनाथ गोस्वामी (नई दिल्ली) ने प्राकृतिक खेती को स्थायी कृषि का आधार बताया और किसानों से रासायनिक खेती छोड़ने की अपील की।
प्राकृतिक खेती से ही टिकेगी खेती और किसान
श्री गोस्वामी ने कहा कि रासायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक शक्ति तेजी से खत्म हो रही है। इसके चलते खेती में लागत बढ़ती जा रही है जबकि मुनाफा लगातार घट रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्राकृतिक खेती ही एकमात्र समाधान है। कम लागत और अधिक उत्पादन के लिए किसानों को इस दिशा में जागरूक करना बेहद जरूरी है।
गौ आधारित कृषि पर ज़ोर
उन्होंने यह भी कहा कि हर किसान के पास कम से कम एक गाय होनी चाहिए, क्योंकि गोबर और गौमूत्र प्राकृतिक खेती की रीढ़ हैं। इस दिशा में संस्था ने किसानों को प्रशिक्षित करने और उन्हें प्रैक्टिकल मॉडल दिखाने की योजना तैयार की है।
किसानों के लिए बनेगा मॉडल फार्म
संस्था के वरिष्ठ सदस्य नंदलाल राजपूत ने बताया कि प्राकृतिक खेती से मिट्टी के मित्र कीटों को संरक्षित किया जा सकता है, जिससे फसलों में रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं पड़ती। बैठक में तय किया गया कि जखौरा और बार ब्लॉक में प्राकृतिक खेती के डेमो फॉर्म बनाए जाएंगे, जहां किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
समाजहित में शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी होगा कार्य
संस्था के जिला समन्वयक अनिल तिवारी ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करना हमारी प्राथमिकता है। भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी हर पात्र व्यक्ति तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है।
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